Economic Survey: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण, 6.8% की दर से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था
Economic Survey: आर्थिक समीक्षा मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग का आर्थिक प्रकोष्ठ तैयार करता है. पहली आर्थिक समीक्षा 1950-51 में पेश की गयी थी. उस समय यह बजट दस्तावेज का हिस्सा होती थी.
Economic Survey: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया. समीक्षा चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन के आकलन के साथ देश के समक्ष चुनौतियों को बयां करती है.
वार्षिक दस्तावेज है आर्थिक समीक्षा
आर्थिक समीक्षा एक वार्षिक दस्तावेज है, जिसे सरकार केंद्रीय बजट से पहले अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए पेश करती है. यह सुधारों और विकास का खाका भी प्रदान करती है. यह अगले वित्त वर्ष के लिए दृष्टिकोण प्रदान करने के अलावा अर्थव्यवस्था और विभिन्न क्षेत्रों में विकास की रूपरेखा को बयां करती है.
कौन तैयार करता है आर्थिक समीक्षा
आर्थिक समीक्षा मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग का आर्थिक प्रकोष्ठ तैयार करता है. पहली आर्थिक समीक्षा 1950-51 में पेश की गयी थी. उस समय यह बजट दस्तावेज का हिस्सा होती थी. इसे 1960 के दशक में केंद्रीय बजट से अलग कर दिया गया और बजट से एक दिन पहले पेश किया जाने लगा. वित्त मंत्री सीतारमण शनिवार को 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी.
6.3% से 6.8% की दर से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में भारतीय अर्थव्यवस्था के 2024-25 में 6.3% से 6.8% की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है. राष्ट्रीय खातों के पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में भारत की वास्तविक जीडीपी में 6.4% की वृद्धि होने का अनुमान है. आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में कहा गया है कि हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2026 में वृद्धि 6.3% से 6.8% के बीच होगी. आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, रबी की अच्छी पैदावार से वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में खाद्य कीमतों पर लगाम लगने की संभावना है.
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