31 मार्च से पहले ऐसे कई काम है जो जरूरी है. अगर आपने तय सीमा के अंदर इन जरूरी कामों को नहीं निपटाया तो आपको पैनल्टी भरनी पड़ सकती है. आप टैक्स से जुड़े जरूरी काम 31 मार्च तक निपटा सकते हैं. 31 मार्च के बाद आप लेट या रिवाइज्ड रिटर्न भर तो सकते हैं लेकिन इसके लिए 10 हजार रुपये लेन फाइन देना पड़ सकता है.
यहां चुकानी पड़ सकती है 10 हजार की लेट फाइन
31 मार्च वित्त वर्ष 20- 21 का अंतिम दिन है इस दिन से पहले आपको वित्तीय वर्ष 19-20 के लिए यह रिवाइज्ड या देर से इनकम टैक्स फाइल कर देनी है. वित्त वर्ष के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की मूल समयसीमा खत्म होने के बाद बिलेटेड रिटर्न फाइल किया जाता है. इसके लिए टैक्सपेयर को पेनाल्टी देनी पड़ती है. बिलेटेड आईटीआर 10,000 रुपये की लेट फाइलिंग फीस 31 मार्च 2021 के बाद देनी होगी.
गलती सुधारने का मौका
इस तय समय से पहले आपको मौका मिलता है संशोधन करने का. संशोधित या रिवाइज्ड ITR फाइल करने का टैक्सपेयर के पास मौका है यह तब फाइल किया जाता है जब टैक्स रिटर्न फाइल करते समय कोई चूक हो जाती है. इसमें डिडक्शन का क्लेम भूल गये या कोई गलती कर दी है. आपने अपना आईटीआर दाखिल कर दिया है, लेकिन इसमें कोई बदलाव करना चाहते हैं, तो आप संशोधित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं.
एडवांस टैक्स फाइल करना
इनकम टैक्स कानून के तहत अगर किसी व्यक्ति की टैक्स देनदारी साल में 10,000 रुपये से ज्यादा होती है तो उन्हें चार किस्तों में यानी 15 जुलाई, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मार्च से पहले एडवांस टैक्स देना पड़ता है. एडवांस टैक्स का पेमेंट नहीं करने की स्थिति में पेनाल्टी देनी पड़ती है . इस तरह 15 मार्च तक आकलन वर्ष 2021-22 के लिए एडवांस टैक्स की चौथी किस्त जमा कर दें.
आधार और पैन को जोड़ना
अगर आपने अबतक आधार कार्ड और पैन कार्ड लिंक नहीं किया है तो इसे भी जल्द कर लें नियमों के तहत पैन को आधार नंबर से जोड़ना जरूरी है. आयरकर रिटर्न भरते वक्त भी यह जरूरी है. सरकार ने आधार को पैन कार्ड से लिंक करने का समय 31 मार्च 2021 तक कर दिया गया है. जुर्माना देना होगा ओर 1 अप्रैल 2021 से उनका पैन कार्ड भी निष्क्रिय हो जाएगा.
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योजना का लाभ उठाने का अंतिम मौका
विवाद से विश्वास स्कीम के तहत डेक्लेरेशन फाइल करने की अंतिम तारीफ 31 मार्च थी. इस स्कीम का मकसद लंबित कर विवादों का समाधान करना है. तमाम अदालतों में प्रत्यक्ष कर से जुड़े 9.32 लाख करोड़ रुपये के 4.83 लाख मामले लंबित हैं. उन्हें ब्याज और जुर्माने पर पूरी छूट है
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