नई दिल्ली : अदाणी ग्रुप को एक एक और झटका लगा है. फिच रेटिंग्स ने सोमवार को कहा कि अदाणी ग्रुप के लेखा में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाली हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का कंपनी के वित्तपोषण की लागत पर कम समय के लिए सीमित असर पड़ा है. रेटिंग एजेंसी ने अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई की साख की पुष्टि करते हुए यह बात कही. समाचार एजेंसी भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार, रेटिंग एजेंसी ने एक बयान जारी करके कहा कि उसने अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड (एईएमएल) के अमेरिकी डॉलर वरिष्ठ सुरक्षित नोट की ‘बीबीबी माइनस’ रेटिंग की पुष्टि की है. ये 2030 में परिपक्व होने वाले हैं. उसने एईएमएल के 2 अरब डॉलर के वैश्विक मध्यम अवधि के नोट कार्यक्रम और इसके तहत जारी नोट के लिए भी ‘बीबीबी माइनस’ रेटिंग की पुष्टि की.
‘बीबीबी’ का मतलब ऐसे निवेश स्तर की रेटिंग से होता है, जिसमें ऋण जोखिम तुलनात्मक रूप से अधिक होता है. बयान में कहा गया कि नियमित परिसंपत्तियों से उच्च नकदी प्रवाह, नियामक की मंजूरी प्राप्त पूंजीगत व्यय और नकदी की पर्याप्तता के अलावा फरवरी 2030 तक किसी उल्लेखनीय कर्ज की अवधि पूरी नहीं होने जैसे कारकों ने एईएमएल की वित्तीय स्थिति को समर्थन दिया है. हालांकि, फिच ने एईएमएल के प्रबंधन एवं कंपनी संचालन से जुड़े आकलन की रेटिंग घटाकर ‘बीबी प्लस’ कर दी है.
अदाणी ग्रुप और हिंडनबर्ग रिसर्च विवाद पर सोमवार को संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में लोकसभा में अपना जवाब दे दिया है. मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सोमवार को लोकसभा में अदाणी ग्रुप की कंपनियों पर अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से लेखा धोखाधड़ी और शेयरों में हेराफेरी की आरोप वाली रिपोर्ट अपना जवाब दिया है. सरकार ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से ‘प्रणालीगत स्तर पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव’ नहीं पड़ा है. हालांकि, दो महीने के अंतराल में ग्रुप का मार्केट कैप 60 फीसदी तक जरूर गिर गया. वित्त मंत्रालय ने संसद को यह भी सूचित किया कि सरकार ने अदाणी ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए किसी समिति का गठन नहीं किया है.
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लोकसभा में कांग्रेस सांसद टीएन प्रतापन, मनीष तिवारी और जोथिमनी सेन्निमलाई की ओर से अदाणी ग्रुप और हिंडनबर्ग रिसर्च के बीच जारी विवाद पर सवाल पूछे गए थे. इन सांसदों की ओर से अदाणी ग्रुप की कंपनियों की कथित शेयरों में हेराफेरी की जांच पर ताजा जानकारी मांगी थी. कांग्रेसी सासंसदों के सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पहले ही जांच शुरू कर दी है और 2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार दो महीने के भीतर इसे समाप्त कर देगा.
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