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रतन टाटा की पांच वो बड़ी बातें, जिन्हें देश हमेशा रखेगा याद

Ratan Tata: दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया. भारतीय उद्योग जगत में उनका नाम सदैव सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा. उनका योगदान न केवल भारत, बल्कि विश्वभर में अद्वितीय रहेगा, और जब भी उद्योगपतियों की बात होगी, रतन टाटा का नाम सबसे प्रमुख रूप से लिया जाएगा. आईए जानते हैं उनकी पांच बड़ी बातें.

By Abhishek Pandey | October 10, 2024 8:26 PM
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भारतीय उद्योग के पितामह और उनके योगदान

रतन टाटा: दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे. 86 साल की उम्र में उनका निधन हुआ, लेकिन उनकी विरासत हमेशा हमारे साथ रहेगी. भारतीय उद्योग में रतन टाटा का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा. उन्हें भारतीय उद्योग का पितामह कहा जाता है, और उनका व्यक्तित्व एवं योगदान लोगों को प्रेरित करता रहा है. टाटा ने न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को अपने कार्यों से प्रभावित किया है. उनके अनगिनत योगदानों में से पांच प्रमुख हैं, जिन्होंने समय की परिधि पर अमिट छाप छोड़ी है.

1. कोविड-19 महामारी के दौरान देश की सहायता

रतन टाटा: कोविड-19 महामारी के दौरान, जब पूरी दुनिया इस अभूतपूर्व संकट का सामना कर रही थी, भारत भी स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा था.ऐसे कठिन समय में रतन टाटा ने देश के लिए मदद का हाथ बढ़ाया. उन्होंने 500 करोड़ रुपये की सहायता दी और देश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए. उन्होंने कहा था, “कोविड-19 हमारे सामने आने वाली सबसे कठिन चुनौतियों में से एक है.” यह उनकी दूरदर्शिता और समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी को दर्शाता है. टाटा ट्रस्ट और टाटा समूह ने अतीत में भी हमेशा जरूरतमंदों की मदद की है, और इस महामारी के दौरान उनकी सहायता देश के लिए संजीवनी बनी.

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2. कुत्तों के लिए अस्पताल की स्थापना

रतन टाटा अपने दयालु और संवेदनशील स्वभाव के लिए जाने जाते थे. उन्हें कुत्तों से विशेष लगाव था, और इसी प्रेम के चलते उन्होंने नवी मुंबई में कुत्तों के लिए एक अत्याधुनिक अस्पताल बनवाया. इस पांच मंजिला अस्पताल में एक साथ 200 कुत्तों का इलाज किया जा सकता है और इसे 165 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. अस्पताल की स्थापना के समय उन्होंने कहा था कि वे कुत्तों को अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं और जीवन भर उन्होंने कई पालतू जानवरों की देखभाल की है. एक बार, वे एक कुत्ते को मिनेसोटा की यूनिवर्सिटी लेकर गए थे, जहां उस कुत्ते का जॉइंट रिप्लेसमेंट किया गया था. रतन टाटा की यह संवेदनशीलता उनके उदार हृदय को दर्शाती है और उनके पशु प्रेम को उजागर करती है.

3. सबसे सस्ती कार: टाटा नैनो

रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने न केवल बड़ी गाड़ियों का निर्माण किया, बल्कि छोटे वाहनों के बाजार में भी अपना परचम लहराया. 1998 में, उन्होंने टाटा इंडिका को बाजार में लॉन्च किया, जो पूरी तरह से एक स्वदेशी कार थी. इस कार ने भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में एक नई क्रांति लाई और लोगों द्वारा इसे खूब पसंद किया गया. इसके लगभग एक दशक बाद, 2008 में, रतन टाटा ने एक और नई पहल की और टाटा नैनो कार लॉन्च की. नैनो की सबसे खास बात थी इसकी कीमत, जो एक लाख रुपये से भी कम थी. यह दुनिया की सबसे सस्ती कार थी, जिसने मध्यम वर्ग के लोगों के लिए कार खरीदने का सपना साकार किया. रतन टाटा की यह पहल सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण थी, क्योंकि इसने भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया.

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4. फोर्ड मोटर्स को संकट से उबारने की कहानी

रतन टाटा की दृढ़ संकल्प और उनके नेतृत्व की एक और प्रेरणादायक कहानी फोर्ड मोटर्स से जुड़ी है. 1999 में, टाटा इंडिका के बार-बार खराब होने की वजह से रतन टाटा ने इसे बेचने का फैसला किया. उन्होंने फोर्ड के मालिक बिल फोर्ड से इस संबंध में बातचीत की. लेकिन बिल फोर्ड ने तंज कसते हुए कहा, “जब आपके पास पैसेंजर कार बनाने का अनुभव नहीं था, तो यह कदम क्यों उठाया?” यह बात रतन टाटा को चुभ गई और उन्होंने कंपनी बेचने का विचार छोड़ दिया. लगभग एक दशक बाद, हालात ने करवट ली और फोर्ड मोटर्स संकट में आ गई. तब रतन टाटा ने फोर्ड की लग्जरी कार ब्रांड्स, जैगुआर और लैंड रोवर, को खरीद लिया. यह रतन टाटा की दूरदर्शिता और उद्यमशीलता की शक्ति को दर्शाता है, जिसने उन्हें भारतीय उद्योग का सबसे बड़ा चेहरा बना दिया.

5. TCS: भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी

रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने सॉफ्टवेयर और आईटी सेक्टर में अभूतपूर्व ऊंचाइयों को छुआ. आज, TCS दुनिया की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी और बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग सेवा देने वाली कंपनियों में से एक है. इस कंपनी ने न केवल तकनीकी क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार भी सृजित किया है. TCS ने भारतीय युवाओं को वैश्विक मंच पर अपनी प्रतिभा को साबित करने का मौका दिया और देश को एक नई दिशा दी.

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