Domestic Airfare Caps Removed From Aug 31: मोदी सरकार की ओर से कोरोना काल में हवाई किराये की न्यूनतम और अधिकतम सीमा तय की थी. लगभग 27 महीनों के बाद इसी 31 अगस्त को यह पाबंदी हटाये जाने का फैसला किया गया है. इसका मतलब यह हुआ कि 1 सितंबर से सभी एयरलाइन कंपनियां अपनी मर्जी से किराया तय कर सकेंगी.
केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय ने विमानन कंपनियों को बड़ी राहत दी है. घरेलू हवाई किराये पर लगायी गयी सीमा लगभग 27 महीने के अंतराल के बाद 31 अगस्त से हटा दी जायेंगी. केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय ने यह जानकारी दी.
Also Read: IndiGo Sweet 16 Anniversary Sale: इंडिगो लायी सस्ते हवाई सफर का जबरदस्त ऑफर, देखें रूट्स और फेयर की डीटेल
उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया, हवाई किराये की सीमा को हटाने का फैसला दैनिक मांग और विमान ईंधन (एटीएफ) की कीमतों के सावधानीपूर्वक विश्लेषण के बाद लिया गया है, स्थिरता आने लगी है और हमें भरोसा है कि यह क्षेत्र निकट भविष्य में घरेलू यातायात में वृद्धि के लिए तैयार है.
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण रिकॉर्ड तक पहुंचने के बाद एटीएफ की कीमतें पिछले कुछ हफ्तों के दौरान नीचे आयी हैं. दिल्ली में एटीएफ की कीमत एक अगस्त को 1.21 लाख रुपये प्रति किलोलीटर थी, जो पिछले महीने की तुलना में करीब 14 फीसदी कम है. कोविड- 19 महामारी के कारण 25 मई, 2020 को उड़ान की अवधि के आधार पर घरेलू हवाई किराये पर निचली व ऊपरी सीमा लगा दी थी.
कोरोनोवायरस महामारी के दौरान लगभग सभी क्षेत्रों की हालत खस्ता हो गई थी. लॉकडाउन के चलते रेलवे और उड्डयन क्षेत्र को भी बड़ा नुकसान झेलना पड़ा था. इस महामारी ने विदेशी विमान से लेकर घरेलू हवाई सेवा तक के बंद हो जाने से देश के उड्डयन क्षेत्र को लगभग तबाह कर दिया था. लेकिन अब यह क्षेत्र रिकवरी कर रहा है और खासकर हवाई यात्रियों की संख्या के मामले में तेजी आयी है. धीरे-धीरे विमान कंपनियां भी इस नुकसान से उबर रही हैं.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.