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फ्लिपकार्ट को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की जांच के लिए एनसीएलएटी के आदेश पर लगाई रोक, जानिए क्या है कंपनी पर आरोप

सुप्रीम कोर्ट ने ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के खिलाफ निष्पक्ष व्यापार नियामक सीसीआई (CCI) को फिर से जांच करने का आदेश देने के नेशनल कंपनी लॉ अपीलीय अधिकरण (NCLAT) के चार मार्च के आदेश पर बुधवार को रोक लगा दी. फ्लिपकार्ट पर आरोप है कि उसने बाजार में अपनी प्रभुत्वकारी हैसियत का उपयोग किया हैं.

By Agency | December 2, 2020 6:24 PM
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नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के खिलाफ निष्पक्ष व्यापार नियामक सीसीआई (CCI) को फिर से जांच करने का आदेश देने के नेशनल कंपनी लॉ अपीलीय अधिकरण (NCLAT) के चार मार्च के आदेश पर बुधवार को रोक लगा दी. फ्लिपकार्ट पर आरोप है कि उसने बाजार में अपनी प्रभुत्वकारी हैसियत का उपयोग किया हैं.

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति रामासुब्रमणियन की पीठ शुरू में चार मार्च का आदेश निरस्त कर इस मामले को फिर से एनसीएलएटी के पास भेजने के पक्ष में थी, लेकिन बाद में उसने एनसीएलएटी के फैसले पर रोक लगा दी. अदालत ने इस मामले में अखिल भारतीय ऑनलाइन वेन्डर्स एसोसिएशन (बिक्री करने वालों की एसोसिएशन) और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) को नोटिस जारी किए.

फ्लिपकार्ट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि सीसीआई ने सरकार के निष्कर्षों को नहीं देखा और आयकर विभाग के निष्कर्ष को आधार बनाया और कर अधिकरण के नतीजों को गलत पढ़ लिया. उन्होंने कहा कि दूसरी प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन उनके मुवक्किल के खिलाफ है और अगर वह प्रमुख खिलाड़ी नहीं है, तो गला काट कीमतें निर्धारित करने के आरोप फ्लिपकार्ट पर नहीं लगते हैं.

पीठ ने कहा कि सीसीआई ने स्पष्ट रूप से कहा है कि फ्लिपकार्ट की बाजार में वर्चस्व वाली हैसियत नहीं है और एनसीएलएटी ने वर्चस्व स्थिति से संबंधी नतीजा पलटा नहीं है. पीठ ने वेंडर्स एसोसिएशन के वकील से कहा कि अगर वे इस बात से सहमत हैं कि एनसीएलएटी को प्रभुत्व वाली स्थिति से जुड़े मसले पर विचार करना चाहिए था, तो इसे वापस भेजा जा सकता है.

इस पर एसोसिएशन के वकील ने कहा कि वे इस मामले में बहस करना चाहेंगे. इसके बाद पीठ ने अधिकरण के चार मार्च के आदेश पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी किया और मामले को आगे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया.

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Posted By : Vishwat Sen

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