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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का भरोसा, अर्थव्यवस्था की स्पीड बढ़ाने के लिए जोखिम उठाने को तैयार है सरकार

सीतारमण ने उद्योग मंडल सीआईआई की सालाना बैठक में कहा कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) दोनों लक्ष्य को हासिल करने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को उद्योग जगत को भरोसा दिया है कि सरकार कोरोना महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था की स्पीड बढ़ाने के लिए हर जरूरी कदम उठाने को तैयार है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सुधारों को आगे बढ़ाने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने की जरूरत है, क्योंकि इससे गरीबी में कमी लाने में मदद मिलती है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह मुद्रास्फीति की कीमत पर नहीं होगा.

सीतारमण ने उद्योग मंडल सीआईआई की सालाना बैठक में कहा कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) दोनों लक्ष्य को हासिल करने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आपने यह देखा होगा कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में खासकर और पूर्व में भी अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए सरकार और आरबीआई ने भागीदार के तौर पर साथ मिलकर काम किया है.

वित्त मंत्री ने कहा कि दोनों साथ मिलकर काम कर रहे हैं. मौद्रिक पक्ष वहां गति को सही दिशा में रख रहा है, जब वित्त मंत्रालय वित्तीय पहलुओं का ध्यान रख रहा है और समन्वय जारी है. उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि को महत्व दिया जाएगा और उसे रिजर्व बैंक तथा सरकार दोनों मिलकर आगे बढ़ाएंगे. हम उद्योग को भी यह आश्वस्त करना चाहते हैं कि मौसमी उतार-चढ़ाव को छोड़कर मुद्रास्फीति पिछले सात साल में छह प्रतिशत से ऊपर नहीं गयी है. मुद्रास्फीति दायरे में है.

बता दें कि रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति 2 फीसदी की घट-बढ़ के साथ 4 फीसदी के स्तर पर रखने की जिम्मेदारी दी गई है. सीतारमण ने कहा कि वह वृद्धि बनाम मुद्रास्फीति नहीं देख रही. हमें मुद्रास्फीति पर ध्यान देना है और हर जरूरी कदम उठाते हुए इसे नियंत्रित रखना है, लेकिन यह कभी न भूलें कि वृद्धि वह है जो अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार में अंतर लाने वाला है और आखिर में गरीबी को दूर करने तथा सभी भारतीय नागरिकों के लिए एक निश्चित अवसर लाने में मददगार है.

उन्होंने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के लिए जो भी जरूरी है, कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि कोरोना मामलों में कमी के साथ पाबंदियों में ढील दिए जाने के बाद से कुछ प्रमुख आंकड़े (पीएमआई, जीएसटी संग्रह, बिजली खपत आदि) सभी आर्थिक पुनरूद्धार का संकेत दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि महामारी के बावजूद विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) तेजी से आ रहा है. इसका कारण वृहत आर्थिक बुनियाद को लेकर एक भरोसा है. उन्होंने कहा कि पिछले साल एफडीआई प्राप्त करने के मामले में हम तीसरे या चौथे स्थान पर रहे और इस साल भी पहले पांच महीनों में हमने पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 37 प्रतिशत अधिक एफडीआई प्राप्त किया है.

वित्त मंत्री ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार जुलाई 2021 में 620 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया और जहां तक बुनियादी उद्योग का सवाल है, निर्यात बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि घरेलू बचत केवल बैंकों में ही नहीं बल्कि शेयर बाजारों में भी जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि अब तक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों कर संग्रह में वृद्धि देखी जा रही है. इसके अलावा, विनिवेश से भी अच्छी राशि प्राप्त होने की उम्मीद है. इसलिए सरकार इस साल राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति का पूरा भुगतान करेगी.

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