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पेट्रोल और डीजल पर टैक्स से केंद्र सरकार ने जुटाये 8.02 लाख करोड़ रुपये, निर्मला सीतारमण ने संसद को दी जानकारी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा कि अकेले वित्त वर्ष 2020-21 में सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर करों से 3.71 लाख करोड़ रुपये से अधिक एकत्र किये हैं.

केंद्र सरकार ने पिछले तीन वित्तीय वर्ष के दौरान पेट्रोल और डीजल पर करों से लगभग 8.02 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है. उक्त जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में दी.

एक साल में पेट्रोल से सरकार ने कमाया 3.71 लाख रुपया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा कि अकेले वित्त वर्ष 2020-21 में सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर करों से 3.71 लाख करोड़ रुपये से अधिक एकत्र किये हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले तीन वर्षों के दौरान पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में हुई वृद्धि और पेट्रोल-डीजल पर विभिन्न करों के माध्यम से अर्जित राजस्व के विवरण के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रही थीं.

पीटीआई न्यूज एजेंसी के अनुसार निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क पांच अक्टूबर, 2018 के 19.48 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर चार नवंबर, 2021 को 27.90 रुपये प्रति लीटर हो गया है. इसी अवधि के दौरान डीजल पर शुल्क 15.33 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 21.80 रुपये हो गया. इस अवधि के भीतर, पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क पांच अक्टूबर, 2018 के 19.48 रुपये प्रति लीटर से गिरकर छह जुलाई, 2019 तक 17.98 रुपये रह गया.

वहीं इस दौरान डीजल पर उत्पाद शुल्क 15.33 रुपये से घटकर 13.83 रुपये रह गया. पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क दो फरवरी, 2021 तक बढ़ते हुए क्रमशः 32.98 रुपये और 31.83 रुपये हो गया था और फिर चार नवंबर, 2021 को 27.90 रुपये प्रति लीटर (पेट्रोल) और 21.80 रुपये (डीजल) तक आ गया.

उत्पाद शुल्क में सरकार ने की कटौती

गौरतलब है कि इस वर्ष दिवाली के मौके पर सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमशः पांच रुपये और 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी. इसके बाद कई राज्यों ने पेट्रोल और डीजल पर से वैट घटाया था, जिसके बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमत में कमी आयी है. केंद्र सरकार ने राज्यों को राहत देने के लिए राज्यों से वैट घटाने की अपील की थी.

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