वाशिंगटन : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जी-20 के सदस्य देशों के समूह के बीच एक बड़ी स्वीकृति थी कि क्रिप्टो संपत्ति पर किसी भी नए नियमों को वैश्विक स्तर पर समन्वित तरीके से लागू करने की जरूरत है. उन्होंने जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि सभी जी-20 के सदस्यों के बीच अधिक स्वीकृति है कि क्रिप्टो संपत्ति पर कोई भी कार्रवाई वैश्विक होनी चाहिए.
जी-20 देशों से सिंथेसिस पेपर लिया जाएगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जी-20 और इसके सदस्य देश इस बात से सहमत हैं कि क्रिप्टो संपत्तियों से निपटने के लिए स्वतंत्र और स्टैंडअलोल देश होना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि ग्रुप ने स्वेच्छा से इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है. भारत की अध्यक्षता में जी-20 देशों से क्रिप्टो संपत्ति से संबंधित मामलों पर एक सिंथेसिस पेपर लिया जाएगा.
सामूहिक वैश्विक प्रयास चाहता है भारत
इस बीच, भारत ने कहा है कि वह बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से उत्पन्न समस्याओं से निपटे के लिए एक सामूहिक वैश्विक प्रयास चाहता है. वित्त मंत्रालय ने फरवरी में कहा था कि उसने जी-20 के सदस्य देशों के लिए एक सेमिनार आयोजित किया था, जिसमें चर्चा की गई थी कि एक सामान्य ढांचे में कैसे आना है. इससे पहले फरवरी में निर्मला सीतारमण ने कहा था कि हम अध्ययन प्रक्रिया से गुजर रहे हैं, ताकि चर्चा की जा सके.
आईएमएफ भी कर रहा प्रयास
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी) भी क्रिप्टो मामले पर अपना छोटा सा काम कर रहे हैं और अपने दम पर प्रगति कर रहा है. हमने अब उनसे कहा है कि वे कागजात तैयार करें और हमें दें. जिस तेजी से ये कागजात पहले से ही आईएमएफ ओर एफएसबी की ओर से दिए गए हैं, वे जुलाई की बैठक में समय पर दे दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हम दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, तो कुछ विकास होना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी बैन करने के पक्ष में आरबीआई
उन्होने भारत की अध्यक्षता के दौरान क्रिप्टो संपत्ति पर जी-20 देशों के बीच आम सहमति के संबंध में एक सवाल के जवाब में अपनी टिप्पणी दी. निजी आभासी संपत्तियों से जुड़े जोखिमों को पहचानते हुए जी-20 देश व्यापक आर्थिक और नियामक दृष्टकोणों पर विचार करके क्रिप्टो संपत्तियों से निपटने के लिए एक समन्वित और व्यापक नीति दृष्टिकोण विकसित करने के लिए एक कदम आगे बढ़े.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने कई वर्षों तक क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने या प्रतिबंधित करने के लिए एक कानून का मसौदा तैयार पर बहस की है, लेकिन अंतिम फैसला नहीं लिया है. इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, क्योंकि वे पोंजी स्कीम के समान हैं.
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