17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

निर्मला सीतारमण ने कहा – आर्थिक संकट से उबरने के लिए नए नोट छापने का नहीं है कोई प्लान

लोकसभा में जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से यह पूछा गया कि आर्थिक संकट से उबरने के लिए सरकार नोट छापने की कोई योजना है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि नहीं.

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि कोरोना महामारी में आर्थिक संकट के मद्देनजर सरकार की नए नोट छापने की फिलहाल कोई योजना नहीं है. वित्त मंत्री सीतारमण ने लोकसभा सदस्य माला राय की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण कोरोना महामारी के दौरान लोगों की जिंदगियां बचाने के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के मध्य में आत्मनिर्भर भारत मिशन के जरिए लोगों को आर्थिक सहयोग देना है.

लोकसभा में जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से यह पूछा गया कि आर्थिक संकट से उबरने के लिए सरकार नोट छापने की कोई योजना है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि नहीं. दरअसल, वित्त मंत्री से लोकसभा में नए नोट छापने की सरकार की योजना को लेकर सवाल पूछने के पीछे का मकसद यह था कि देश के कई अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों ने सरकार को इसके लिए सुझाव दिया है. अपने सुझाव में अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों ने कहा कि कोरोना की वजह से गंभीर रूप से प्रभावित अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने और लोगों के रोजगार को बचाए रखने के लिए सरकार को अधिक नोटों की छपाई करना चाहिए.

लोकसभा में वित्त मंत्री सीतारमण ने एक दूसरे सवाल के लिखित जवाब में कहा कि 2020-21 के दौरान भारत के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.3 फीसदी की कमी आने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि विकास दर में कमी का अनुमान कोरोना और महामारी को रोकने के लिए किए गए उपायों के कारण है. उन्होंने कहा कि सरकार ने 2020-21 के दौरान आर्थिक विकास को पुनर्जीवित करने और रोजगार बढ़ाने के लिए आत्मानिर्भर भारत के तहत 29.87 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की थी.

उन्होंने कहा कि बजट में वित्त वर्ष 2021-22 में भारत के नाममात्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 14.4 फीसदी होने का अनुमान लगाया था, जबकि आरबीआई ने 4 जून, 2021 के अपनी नवीनतम मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के प्रस्ताव में भारत की वास्तविक जीडीपी में वृद्धि करने के लिए कटौती की थी. उसने वित्त वर्ष 2021-22 में दूसरी लहर के प्रभाव के बाद लिए इसे पहले के 10.5 फीसदी के अनुमान की तुलना में. 9.5 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया है.

Also Read: मनमोहन सिंह का मोदी सरकार पर बड़ा हमला, बोले- नोटबंदी की वजह से देश में बेरोजगारी चरम पर

Posted by : Vishwat Sen

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें