Food Delivery App: जोमैटो, स्विगी और ज़ेप्टो, कृपया सोचें…मुंबई के सीईओ ने अल्ट्रा फास्ट फूड डिलीवरी पर उठाए सवाल

Food Delivery App: बॉम्बे शेविंग कंपनी के सीईओ शांतनु देशपांडे ने भारत में बढ़ती फास्ट फूड डिलीवरी की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे एक संभावित "स्वास्थ्य संकट" करार दिया है.

By Abhishek Pandey | December 16, 2024 3:24 PM
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Food Delivery App: बॉम्बे शेविंग कंपनी के सीईओ शांतनु देशपांडे ने भारत में बढ़ती फास्ट फूड डिलीवरी की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे एक संभावित “स्वास्थ्य संकट” करार दिया है. अपने लिंक्डइन पोस्ट में उन्होंने प्रोसेस्ड और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड पर निर्भरता की आलोचना की, जो फूड डिलीवरी ऐप्स के मेन्यू में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं.

फास्ट फूड की ओर झुकाव को लेकर चेतावनी

देशपांडे ने अपने पोस्ट में लिखा, “49 रुपये के पिज्जा, 30 रुपये के बर्गर और 20 रुपये के एनर्जी ड्रिंक का बढ़ता क्रेज हमें अमेरिका और चीन के रास्ते पर ले जा रहा है, जहाँ स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कोई मजबूत आर्थिक सुरक्षा नहीं है.” उन्होंने ज़ोमैटो, स्विगी, और ज़ेप्टो जैसी कंपनियों से आग्रह किया कि वे केवल त्वरित डिलीवरी के बजाय गुणवत्ता और पोषण पर ध्यान केंद्रित करें.

10 मिनट की डिलीवरी पर सवाल

देशपांडे ने इस रेस पर सवाल उठाते हुए कहा, “2 मिनट में खाना पकाना और 8 मिनट में डिलीवर करना, यह कोई समाधान नहीं है. ताजा और पौष्टिक भोजन के लिए हमें और काम करने की जरूरत है. लेकिन फिलहाल हम इस लक्ष्य से काफी दूर हैं.” उन्होंने त्वरित डिलीवरी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले जमे हुए और प्रोसेस्ड फूड पर भी चिंता जताई

स्वास्थ्य पर पड़ने वाला असर

देशपांडे ने कहा कि भारत में सुविधाजनक भोजन के प्रति बढ़ता जुनून दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है. उन्होंने लिखा, “आप वही हैं जो आप खाते हैं. स्वस्थ और संतुलित भोजन ही दीर्घकालिक स्वस्थ जीवन की कुंजी है.”

नियामकों और उपभोक्ताओं को सलाह

देशपांडे ने नियामकों से अपील की कि वे त्वरित डिलीवरी सिस्टम के बावजूद भोजन की गुणवत्ता की कड़ी निगरानी सुनिश्चित करें. उपभोक्ताओं को उन्होंने सरल संदेश दिया: “खाना बनाना सीखें. दाल-चावल, सलाद, या सैंडविच बनाने में केवल 10 मिनट लगते हैं. यह हर किसी के लिए जरूरी कौशल है.”

सोशल मीडिया पर मिली प्रतिक्रियाएं

देशपांडे के इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी. कुछ ने उनके विचारों का समर्थन किया, तो कुछ ने सुझाव दिया कि फूड डिलीवरी कंपनियों को डिलीवरी और खाद्य तैयारी के समय को अलग रखने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.

यह पोस्ट केवल कंपनियों और उपभोक्ताओं के लिए ही नहीं, बल्कि निवेशकों और नीति निर्माताओं के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है कि स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने का समय आ गया है.

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