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फूड आइटम्स और किरासन तेल की कीमतों ने इंडस्ट्रियल वर्कर्स को पहुंचाई राहत, जानिए कैसे?

खाने-पीने की चीजों (Food Items) और केरोसिन तेल (Kerosene oil) की कीमतों ने कमी आने से औद्योगिक श्रमिकों के लिए खुदरा महंगाई दर में मई महीने के दौरान गिरावट दर्ज की गयी है. सरकार की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, औद्योगिक श्रमिकों (Industrial workers) के लिए खुदरा मुद्रास्फीति (Retail inflation) मई में घटकर 5.1 फीसदी रह गयी. ऐसा मुख्य रूप से कुछ खाद्य पदार्थों और मिट्टी के तेल की कीमतों में कमी के चलते हुआ. औद्योगिक श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति की गणना औद्योगिक श्रमिकों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) के आधार पर की जाती है.

नयी दिल्ली : खाने-पीने की चीजों (Food Items) और केरोसिन तेल (Kerosene oil) की कीमतों ने कमी आने से औद्योगिक श्रमिकों के लिए खुदरा महंगाई दर में मई महीने के दौरान गिरावट दर्ज की गयी है. सरकार की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, औद्योगिक श्रमिकों (Industrial workers) के लिए खुदरा मुद्रास्फीति (Retail inflation) मई में घटकर 5.1 फीसदी रह गयी. ऐसा मुख्य रूप से कुछ खाद्य पदार्थों और मिट्टी के तेल की कीमतों में कमी के चलते हुआ. औद्योगिक श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति की गणना औद्योगिक श्रमिकों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) के आधार पर की जाती है.

श्रम मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सभी वस्तुओं पर आधारित मुद्रास्फीति मई 2020 में 5.10 फीसदी थी, जबकि इससे पिछले महीने (अप्रैल 2020) में यह 5.45 फीसदी और एक साल पहले की समान अवधि (मई 2019) में 8.65 फीसदी थी. आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 5.88 फीसदी रही, जो इससे पिछले महीने में 5.21 फीसदी और मई 2019 में 5.21 फीसदी थी.

आंकड़ों के मुताबिक, सभी जिंसों अरहर दाल, मसूर दाल, मूंग दाल, उरद दाल, मूंगफली का तेल, सरसों का तेल, मछली ताजा, बकरी का मांस, पोल्ट्री (चिकन), दूध, गोभी, फ्रेंच बीन, हरी धनिया पत्तियां, आलू, देशी शराब से लेकर कुकिंग गैस और पेट्रोल में तेजी देखने को मिली. हालांकि, चावल, गेहूं, लहसुन, प्याज, लौकी, नारियल, भिंडी, आम, परवल, टमाटर, तोरई, केला, केरोसीन तेल इत्यादि ने सूचकांक को कम रखने में योगदान दिया.

श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGK Anna Yojana) के तहत देश भर में अनाज की मुफ्त आपूर्ति के कारण सम्पूर्ण खुदरा मुद्रास्फीति और कुल मिला कर खाद्य मुद्रास्फीति में यह गिरावट दर्ज की गयी है.

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बता दें कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएमजीके अन्न योजना के तहत एक बार फिर नवंबर तक गरीब परिवारों को अनाज, दाल और चना मुफ्त में देने का ऐलान किया है. सरकार की इस योजना के जरिए देश के करीब 80 करोड़ परिवार के लोगों को मुफ्त में अनाज बांटा जाएगा. इसके लिए सरकार को करीब 90,000 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा. आने वाले दिनों में औद्योगिक श्रमिकों की महंगाई दर पर सरकार के इस राहत योजना का प्रभाव दिखाई देने के आसार हैं.

Posted By : Vishwat Sen

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