सर्विस चार्ज देने के लिए उपभोक्ताओं को मजबूर करना गलत, CCPA ने दिल्ली हाईकोर्ट से कही ये बात

अगर आप किसी भी होटल या रेस्तरां में खाना खाने जा रहे हैं, तो आपको बिल के साथ 'बाई डिफाल्ट' सेवा शुल्क' देना पड़ता है. ऐसे में अब केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि उपभोक्ताओं को भुगतान करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 16, 2022 3:49 PM

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में एक अपील दायर की. जिसमें उन्होंने एकल पीठ के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें रेस्तरां और होटलों की ओर से खाने के बिलों पर सेवा शुल्क (service charge) लगाने के दिशा-निर्देशों पर रोक लगा दी गई थी.

सर्विस चार्ज देने के लिए उपभोक्ताओं को मजबूर करना अनूचित

अपील में कहा गया है, “उपभोक्ताओं के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और उपभोक्ताओं को अनुचित व्यापार प्रथाओं और सेवा शुल्क के अनिवार्य संग्रह के कारण उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन से बचाने के लिए और इस तरह के शुल्क को स्वचालित रूप से या भोजन में डिफॉल्ट रूप से जोड़ने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. बिल उपभोक्ताओं को यह तय करने का विकल्प या विवेक की अनुमति दिए बिना कि वे इस तरह के शुल्क का भुगतान करना चाहते हैं या नहीं.”

उपभोक्ताओं के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए दिशा-निर्देश जारी

अपील में यह भी कहा गया है कि उपभोक्ताओं से प्राप्त शिकायतों के आधार पर दिशा-निर्देश तैयार किए गए थे. अपीलकर्ता ने प्रस्तुत किया कि एकल न्यायाधीश की पीठ ने यह दर्ज करने के बाद भी कि उक्त रिट याचिका में उठाए गए मुद्दों पर विचार करने की आवश्यकता है, किसी भी काउंटर एफिडेविट की मांग नहीं की और आक्षेपित आदेश पारित किया. अपीलकर्ताओं का विनम्र और सम्मानजनक निवेदन है कि उपभोक्ताओं के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, इसकी सराहना किए बिना आक्षेपित आदेश पारित किया गया है.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने लगाई रोक

न्यायमूर्ति सतीश चंदर शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने मंगलवार को प्रारंभिक प्रस्तुतियां सुनने के बाद प्रतिवादी पक्ष की ओर से पेश एक वकील के अनुरोध पर मामले को 18 अगस्त, 2022 के लिए स्थगित करने पर सहमति व्यक्त की. दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले महीने जारी करते हुए दिशा-निर्देशों को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस, रेस्तरां और होटलों की ओर से सर्विस चार्ज लगाने पर रोक लगाने वाले केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के संचालन पर भी रोक लगा दी.

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टेकअवे/डिलीवरी पर सेवा शुल्क लेना अनुचित

जस्टिस यशवंत वर्मा ने फेडरेशन ऑफ होटल्स एंड रेस्त्रां ऑफ इंडिया और अन्य की ओर से दायर याचिका पर उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय, सीसीपीए को नोटिस जारी किया था. एकल पीठ ने नोटिस जारी करते हुए यह भी शर्त रखी कि रेस्तरां भोजन की कीमत में सेवा शुल्क घटक को प्रमुखता से प्रदर्शित करें. उच्च न्यायालय ने कहा कि रेस्तरां भोजन के टेकअवे/डिलीवरी पर सेवा शुल्क नहीं लेंगे. सीसीपीए के वकील ने प्रस्तुत किया था कि, “उपभोक्ताओं को भुगतान करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए”.

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