Foreign Currency: कमजोर ग्लोबल इकोनॉमी में भी मजबूती से खड़ा है भारत, 622 अरब डॉलर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार
Foreign Currency Reserves: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा कि दो फरवरी को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 5.74 अरब डॉलर बढ़कर 622.47 अरब डॉलर हो गया.
Foreign Currency Reserves: एक तरफ पूरी दुनिया की इकोनॉमी दबाव झेल रही है. दूसरी तरफ, भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ रही है. ग्लोबल रेटिंग एजेंसियां भारत पर ज्यादा भरोसा जता रही हैं. वहीं, देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भी तेजी से वृद्धि हो रही है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा कि दो फरवरी को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 5.74 अरब डॉलर बढ़कर 622.47 अरब डॉलर हो गया. इससे एक सप्ताह पहले विदेशी मुद्रा का कुल भंडार 59.1 करोड़ डॉलर की तेजी के साथ 616.73 अरब डॉलर रहा था.
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2021 में हाई पर था भंडार
देश का विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर, 2021 में 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था. लेकिन पिछले साल वैश्विक घटनाक्रम के बीच रुपये को संभालने के लिए रिजर्व बैंक को इस भंडार के एक हिस्से का इस्तेमाल करना पड़ा था. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, दो फरवरी को समाप्त सप्ताह में मुद्राभंडार का अहम हिस्सा माने लाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 5.19 अरब डॉलर बढ़कर 55.33 अरब डॉलर हो गई. डॉलर के संदर्भ में उल्लिखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है.
गोल्ड रिजर्व में भी हुई वृद्धि
रिजर्व बैंक के मुताबिक, समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण भंडार 60.8 करोड़ डॉलर बढ़कर 48.08 अरब डॉलर हो गया. इस दौरान विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 5.8 करोड़ डॉलर घटकर 18.19 अरब डॉलर रहा. समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के पास भारत की आरक्षित जमा 4.86 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित बनी रही.
विदेशी मुद्रा भंडार क्या है
विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) एक वित्तीय मात्रा है जो किसी देश की मुद्रा (विदेशी मुद्रा, जैसे डॉलर, यूरो, पाउंड इत्यादि) के भंडार को दिखाती है. यह विदेशी मुद्रा उन विभिन्न स्रोतों से प्राप्त होती है जो एक देश को उसकी वित्तीय लेनदेन को पूरा करने या अपनी मुद्रा को स्थिर रखने के लिए उपलब्ध होती हैं. विदेशी मुद्रा भंडार की मुख्य उपयोगिता देश की वित्तीय स्थिरता और वित्तीय स्वायत्तता को सुनिश्चित करना है. यह उन अवसरों के लिए एक सुरक्षात्मक रूप से उपयोगी हो सकता है जब एक देश को अपनी मुद्रा के मूल्य में अचानक बदलाव का सामना करना पड़ता है या फिर यदि किसी वित्तीय संकट के दौरान वित्तीय बाज़ारों में विदेशी मुद्रा की आवश्यकता होती है. इसके अलावा, विदेशी मुद्रा भंडार को विभिन्न निर्देशक मापदंडों के रूप में भी उपयोग किया जाता है, जैसे कि विदेशी मुद्रा की आकार, विदेशी मुद्रा के विभाग, विदेशी मुद्रा का उपयोगिता निर्माण, आदि. सार्वजनिक बैंक, संस्थागत निवेशक, अन्य वित्तीय संस्थाएं, और सरकारी निकाय आमतौर पर विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन करते हैं.
(भाषा इनपुट)
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