‘आमदनी बंद होने के बाद प्रवासी मजदूरों को भोजन उपलब्ध नहीं कराया गया, तो देश में होंगे दंगे’

पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद् प्रणव सेन ने चेतावनी दी है कि अगर आमदनी बंद होने के साथ ही प्रवासी मजदूरों को खाना नहीं दिया गया, तो देश में ‘खाने के लिए दंगे' होने की पूरी आशंका है.

By KumarVishwat Sen | March 28, 2020 9:37 PM

नयी दिल्ली : पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद् प्रणव सेन ने चेतावनी दी है कि अगर आमदनी बंद होने के साथ ही प्रवासी मजदूरों को खाना नहीं दिया गया, तो देश में ‘खाने के लिए दंगे’ होने की पूरी आशंका है. सेन ने एक साक्षात्कार में कहा कि यदि कोरोना वायरस महामारी गांवों में फैली, तो इसे रोकना असंभव होगा. कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला करने के लिए किये गये देशव्यापी लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों के हजारों प्रवासी मजदूर दिल्ली और मुंबई सहित विभिन्न शहरों से अपने गृह राज्यों में वापस लौट रहे हैं.

सेन ने कहा कि समस्या यह है कि यदि (प्रवासी श्रमिकों को) भोजन उपलब्ध नहीं कराया गया है और ऐसा हमने इस देश में पहले भी देखा है, हमारे यहां अकाल के समय खाने के लिए दंगे हुए थे. उन्होंने कमजोर वर्ग पर बंद के असर के बारे में कहा कि अगर भोजन उपलब्ध नहीं कराया गया, तो एक बार फिर खाने के लिए दंगे हो सकते हैं. ये एकदम साफ है.

सेन ने कहा कि जिन लोगों की कोई आय नहीं है, यदि उनकी जरूरतों को पूरा नहीं किया गया, तो इस बात की बहुत आशंका है कि खाने के लिए दंगे होंगे. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा था कि शनिवार से सरकार 224 से अधिक रैन बसेरों, 325 स्कूलों और अन्य स्थानों पर लगभग चार लाख लोगों को दोपहर और रात का खाना देगी.

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