17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Economic Reforms: ‘देश की अर्थव्यवस्था के लिए आ रहा है 1991 से भी मुश्किल वक्त’, मनमोहन सिंह ने दी ये चेतावनी

Former PM Manmohan Singh/Economic Reforms : देश में आर्थिक उदारीकरण की बुनियाद रखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था को लेकर चेतावनी दी है. पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था का जैसा बुरा हाल 1991 में था, कुछ वैसी ही स्थिति आने वाले समय में झेलनी पड़ सकती है.

Former PM Manmohan Singh/Economic Reforms : देश में आर्थिक उदारीकरण की बुनियाद रखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था को लेकर चेतावनी दी है. पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था का जैसा बुरा हाल 1991 में था, कुछ वैसी ही स्थिति आने वाले समय में झेलनी पड़ सकती है. केंद्र सरकार को इसके लिए तैयार रहना चाहिए.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 के ऐतिहासिक बजट के 30 साल पूरा होने के मौके पर कहा कि कोरोना महामारी के कारण पैदा हुए हालात के मद्देनजर आगे का रास्ता उस वक्त की तुलना में ज्यादा चुनौतीपूर्ण है और ऐसे में एक राष्ट्र के तौर पर भारत को अपनी प्राथमिकताओं को फिर से निर्धारित करना होगा.

आपको बता दें कि मनमोहन सिंह 1991 में नरसिंह राव की अगुवाई में बनी सरकार में वित्त मंत्री थे और 24 जुलाई, 1991 को अपना पहला बजट पेश किया था. इस बजट को देश में आर्थिक उदारीकरण की बुनियाद माना जाता है. उन्होंने उस बजट को पेश किए जाने के 30 साल पूरे होने के मौके पर कहा कि 1991 में 30 साल पहले, कांग्रेस पार्टी ने भारत की अर्थव्ध्यवस्था के महत्वपूर्ण सुधारों की शुरुआत की थी और देश की आर्थिक नीति के लिए एक नया मार्ग प्रशस्त किया था. पिछले तीन दशकों के दौरान विभिन्न सरकारों ने इस मार्ग का अनुसरण किया और देश की अर्थव्यवस्था तीन हजार अरब डॉलर की हो गई और यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है.

आगे श्री सिंह ने एक बयान में कहा कि अत्यंत महत्वपूर्ण बात यह है कि इस अवधि में करीब 30 करोड़ भारतीय नागरिक गरीबी से बाहर निकले और करोड़ों नयी नौकरियों का सृजन हुआ. सुधारों की प्रक्रिया आगे बढ़ने से स्वतंत्र उपक्रमों की भावना शुरू हुई जिसका परिणाम यह है कि भारत में कई विश्व स्तरीय कंपनियां अस्तित्व में आईं और भारत कई क्षेत्रों में वैश्विक ताकत बनकर उभरा. उनके मुताबिक, 1991 में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत उस आर्थिक संकट की वजह से हुई थी, जिसने हमारे देश को घेर रखा था, लेकिन यह सिर्फ संकट प्रबंधन तक सीमित नहीं था। समृद्धि की इच्छा, अपनी क्षमताओं में विश्वास और अर्थव्यवस्था पर सरकार के नियंत्रण को छोड़ने के भरोसे की बुनियाद पर भारत के आर्थिक सुधारों की इमारत खड़ी हुई.

Also Read: PM Kisan : सरकार को लगा 2900 करोड़ रुपये का बट्टा, फर्जी तरीके से 42 लाख लोगों ने उठाया स्कीम का फायदा

देश के पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि मैंने कांग्रेस में कई साथियों के साथ मिलकर सुधारों की इस प्रक्रिया में भूमिका निभाई. इससे मुझे बहुत खुशी और गर्व की अनुभूति होती है कि पिछले तीन दशकों में हमारे देश ने शानदार आर्थिक प्रगति की. परंतु मैं कोविड के कारण हुई तबाही और करोड़ों नौकरियां जाने से बहुत दुखी हूं. मनमोहन सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा के सामाजिक क्षेत्र पीछे छूट गये और यह हमारी आर्थिक प्रगति की गति के साथ नहीं चल पाया. इतनी सारी जिंदगियां और जीविका गई हैं, वो नहीं होना चाहिए था.

मनमोहन सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि यह आनंदित और मग्न होने का नहीं, बल्कि आत्ममंथन और विचार करने का समय है. आगे का रास्ता 1991 के संकट की तुलना में ज्यादा चुनौतीपूर्ण है। एक राष्ट्र के तौर पर हमारी प्राथमिकताओं को फिर से निर्धारित करने की जरूरत है, ताकि हर भारतीय के लिये स्वस्थ और गरिमामयी जीवन सुनिश्चित हो सके.

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि 1991 में मैंने एक वित्त मंत्री के तौर पर विक्टर ह्यूगो (फ्रांसीसी कवि) के कथन का उल्लेख किया था कि ‘पृथ्वी पर कोई शक्ति उस विचार को नहीं रोक सकती है, जिसका समय आ चुका है.’ 30 साल बाद, एक राष्ट्र के तौर पर हमें रॉबर्ट फ्रॉस्ट (अमेरिका कवि) की उस कविता को याद रखना है कि हमें अपने वादों को पूरा करने और मीलों का सफर तय करने के बाद ही आराम फरमाना है.

Posted By : Amitabh Kumar

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें