…तो क्या 2024-25 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था नहीं बन पाएगा भारत? जानिए क्या कहते हैं आरबीआई पूर्व गवर्नर

बिमल जालान ने कहा कि ऐसा नहीं जान पड़ता कि भारत 2024-25 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने में कामयाब होगा. उन्होंने कहा कि इस साल का बजट काफी अच्छा है. मुझे लगता है कि भारत की वृद्धि दर 7-8 फीसदी रहनी चाहिए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2021 8:43 PM
  • आरबीआई के पूर्व गवर्नर बिमल जालान ने की बजट 2021-22 की सराहना

  • गरीबी उन्मूलन और रोजगार के क्षेत्र में ध्यान देने पर दिया जोर

  • 7 से 8 फीसदी आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने की होनी चाहिए प्राथमिकता

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर बिमल जालान ने वित्त वर्ष 2021-22 के बजट को ‘काफी अच्छा’ बताते हुए कहा कि भारत की प्राथमिकता फिलहाल 7 से 8 फीसदी वृद्धि दर हासिल करने पर होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि केवल निवेश के बजाए रोजगार सृजन पर भी प्राथमिकता देने की जरूरत है.

जालान ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि ऐसा नहीं जान पड़ता कि भारत 2024-25 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने में कामयाब होगा. उन्होंने कहा कि इस साल का बजट काफी अच्छा है. मुझे लगता है कि भारत की वृद्धि दर 7-8 फीसदी रहनी चाहिए.

सिर्फ निवेश नहीं, रोजगार पर भी हो ध्यान

वित्त वर्ष 2020-21 की आर्थिक समीक्षा में 2021-22 में तीव्र गति से पुनरुद्धार के साथ आर्थिक वृद्धि दर 11 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है, जबकि चालू वित्त वर्ष में 7.7 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया गया है. जालान ने कहा कि 7 से 8 फीसदी की वृद्धि दर उच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. एक बार वृद्धि दर इस स्तर पर होगी, तब उसके बाद रोजगार का मुद्दा होगा. हमें केवल निवेश ही नहीं, रोजगार पर भी ध्यान देना चाहिए.

डेढ़ साल में सुधर जाएगी आर्थिक वृद्धि

आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि 18 महीने में भारत की आर्थिक वृद्धि दर कोविड-19 पूर्व के स्तर पर आ जाएगी. यह पूछे जाने पर कि क्या भारत 2024-25 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल कर पाएगा. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हम अभी 2021 में है. अभी चार साल का समय है. फिलहाल, जो स्थिति है, उसको देखने से ऐसा नहीं लगता कि हम इस लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे.

फिलहाल कोई लक्ष्य तय करने की जरूरत नहीं

जालान ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगता कि कोई लक्ष्य तय करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि हम सालाना आधार पर यह कर सकते हैं. हम अगले साल के लिए लक्ष्य तय कर सकते हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि हम अगले 5 साल के लिए अंकों में कोई लक्ष्य तय कर सकते हैं.

रोजगार देने में भारत ने नहीं की प्रगति

जालान ने कहा कि आजादी के बाद भारत उन देशों में शामिल है, जिसने लोकतांत्रिक आधार पर बेहतर काम किया है. उन्होंने कहा कि नीति निर्माताओं ने लोगों की आंकाक्षाओं के अनुरूप कदम उठाए. अगले 4-5 साल में भारत की मुख्य प्राथमिकता गरीबी उन्मूलन और रोजगार उपलब्ध कराने पर होना चाहिए. जालान ने कहा कि रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में भारत ने बहुत ज्यादा प्रगति नहीं की है.

किसानों की मांग पर होनी चाहिए बात

किसानों के आंदोलन से जुड़े सवाल के जवाब में आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि उन्हें लगता है कि इस मामले में आपसी संवाद की कमी रही है. उन्होंने कहा कि लेकिन, किसान जो चाहते हैं, उस पर बात तो होनी चाहिए. सरकार के लिए किसानों नीति संबंधी इच्छा का समाधान करना आसान है. मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों के किसान सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

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Posted By : Vishwat Sen

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