‘राष्ट्रपति चुनाव नजदीक आते ही अमेरिका का चीन के साथ बढ़ेगा विवाद और यह भारत के लिए होगा बेहद महत्वपूर्ण’

‘द न्यू ग्लोबल इकनॉनिक नॉर्म : पोस्ट कोविड-19' विषय पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि निश्चित रूप से अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आएगा, अमेरिका और चीन के बीच तनाव और बढ़ेगा. इससे वैश्विक व्यापार बिगड़ेगा. यह भारत, ब्राजील और मेक्सिको जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा. महामारी की वजह से इन देशों की अर्थव्यवस्था की हालत भी काफी खराब होगी. ऐसे में ये देश जब अपनी अर्थव्यवस्थाओं को खोल रहे होंगे, तो उन्हें मांग की जरूरत होगी, जिससे वे उबर सकें.

By Agency | July 24, 2020 6:31 PM

न्यूयॉर्क : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव नजदीक आने के साथ अमेरिका और चीन के बीच विवाद बढ़ेगा, जिससे वैश्विक व्यापार की स्थिति बिगड़ेगी. भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि यह स्थिति भारत और ब्राजील जैसे उभरते बाजारों की दृष्टि से ‘अत्यंत महत्वपूर्ण’ है. राजन ने कहा कि कोविड-19 के बीच दोबारा खुलने जा रही भारत और ब्राजील जैसी अर्थव्यवस्थाओं के लिए यह स्थिति काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने चेताया कि अर्थव्यवस्था में कई ऐसी कंपनियां हो सकती हैं, जो खस्ताहाल होंगी. उन्होंने कहा कि महामारी के बाद पुनरुद्धार की प्रक्रिया के साथ-साथ हमें चीजों को दुरुस्त करने की भी जरूरत होगी.

अमेरिका-यूरोप की कंपनियां हो चुकी होंगी दिवालिया : आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने गुरुवार को पैन-आईआईटी यूएसए वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिका और काफी हद तक यूरोप में कई कंपनियां दिवालिया हो चुकी होंगी. उस समय हम अर्थव्यस्था को दुरुस्त करने, संसाधनों का दोबारा आवंटन तथा पूंजी ढांचे के पुनर्गठन का प्रयास करेंगे.

राष्ट्रपति चुनाव के नजदीक आते अमेरिका-चीन में बढ़ेगा विवाद : ‘द न्यू ग्लोबल इकनॉनिक नॉर्म : पोस्ट कोविड-19′ विषय पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि निश्चित रूप से अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आएगा, अमेरिका और चीन के बीच तनाव और बढ़ेगा. इससे वैश्विक व्यापार बिगड़ेगा. यह भारत, ब्राजील और मेक्सिको जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा. महामारी की वजह से इन देशों की अर्थव्यवस्था की हालत भी काफी खराब होगी. ऐसे में ये देश जब अपनी अर्थव्यवस्थाओं को खोल रहे होंगे, तो उन्हें मांग की जरूरत होगी, जिससे वे उबर सकें.

नंवबर में होगा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव : बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव तीन नवंबर को होना है. राष्ट्रपति पद के लिए मुकाबला मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रट उम्मीद जो बाइडेन के बीच है. भारतीय स्टेट बैंक की पूर्व चेयरमैन और सेल्सफोर्स इंडिया की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुंधति भट्टाचार्य ने भी इस कार्यक्रम को संबोधित किया.

महामारी से निबटने में भारत, ब्राजील और मेक्सिको ने किया काफी खर्च : राजन ने कहा कि वैश्विक व्यापार काफी महत्वपूर्ण है. चाहे यह वस्तुओं का व्यापार हो या सेवाओं का या डिजिटल सेवाओं का. यह काफी महत्वपूर्ण है. हमारे देशों को एक मुक्त दुनिया की काफी जरूरत है. राजन ने कहा कि कई देश ऐसे हैं, जिनमें लॉकडाउन के बावजूद नियंत्रण नहीं हो पाया. अमेरिका इसका प्रमुख उदाहरण है. भारत, ब्राजील ओर मेक्सिको में भी ऐसा हुआ, जबकि इसके लिए इन देशों ने काफी ऊंची लागत खर्च की. ऐसे में, इन देशों के लिए महामारी की लागत उन देशों की तुलना में काफी ऊंची बैठेगी, जो नियंत्रण करने में सफल रहे हैं.

कोरोना के संक्रमण को रोकना ही मुख्य मुद्दा : राजन ने कहा कि भारत और अमेरिका जैसे देश अब भी इस महामारी को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस समय मुख्य मुद्दा संक्रमण को रोकना है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से यह संक्रमण काफी अधिक फैल चुका है. इसको नियंत्रित करना आसान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि इससे काफी अनिश्चितता की स्थिति पैदा हुई है. कंपनियां यह नहीं जानतीं कि क्या नए सिरे से लॉकडाउन लगाया जाएगा. यदि ऐसा होता है, तो यह कितना कठिन होगा.

विकसित देशों में 50 फीसदी तक की आबादी घर से कर सकती है काम : राजन ने कहा कि भारत में भी कुछ राज्य लॉकडाउन की चर्चा कर रहे हैं. वास्तव में कुछ ने इसको लगाना भी शुरू कर दिया है. राजन ने एक और बात का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि विकसित देशों में 45 से 50 फीसदी आबादी घर से काम (वर्क फ्रॉक होम) कर सकती है. ऐसे में लॉकडाउन में भी वहां काम जारी रह सकता है, लेकिन गरीब और विकासशील देशों तथा उभरते बाजारों में काफी कम लोग घर से काम कर सकते हैं.

Also Read: पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने चेताया, सरकारी बांड खरीद कर आरबीआई बढ़ा रहा अपनी देनदारी

Posred By : Vishwat Sen

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version