24 करोड़ की रिश्वत लेने के मामले में SBI के पूर्व चेयरमैन प्रतीप चौधरी गिरफ्तार, कोर्ट ने दिया ये फैसला
Pratip Chaudhuri Arrested: प्रतीप चौधरी को जैसलमेर में स्थित एक होटल की बिक्री में गड़बड़ी करने के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है.
जैसलमेर: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व चेयरमैन प्रतीप चौधरी को लोन घोटाला मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है. राजस्थान के जैसलमेर जिला के पुलिस अधीक्षक डॉ अजय सिंह ने सोमवार को यह जानकारी दी. एसपी श्री सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने एसबीआई के पूर्व चेयरमैन को गिरफ्तार किया है. प्रतीप चौधरी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
प्रतीप चौधरी को जैसलमेर में स्थित एक होटल की बिक्री में गड़बड़ी करने के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है. उन्हें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित उनके आवास से जैसलमेर की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. मामला एक होटल के प्रोजेक्ट से जुड़ा है. बताया गया है कि वर्ष 2008 में राजस्थान के जैसलमेर में गोदावन ग्रुप होटल प्रोजेक्ट को लोन देने के बदले में प्रतीप चौधरी ने कथित तौर पर 24 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी.
एसबीआई ने प्रतीप चौधरी की गिरफ्तारी के बाद एक बयान जारी किया. इसमें कहा गया है कि वर्ष 2007 में स्टेट बैंक ने जैसलमेर में गढ़ रजवाड़ा होटल प्रोजेक्ट को फाइनेंस किया था. तीन साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ. उसके प्रमुख प्रमोटर का अप्रैल 2010 में निधन हो गया.
इसके बाद जून 2010 में इस अकाउंट को एनपीए (नन परफॉर्मिंग एसेट) में डाल दिया गया. इसके बाद भी कंपनी ने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के कई जतन किये, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली.
बैंक ने कहा है कि इसके बाद बैंक ने लोन को रिकवर करने के प्रयास शुरू किये. इसके तहत बैंक की नीतियों के अनुरूप वर्ष 2014 में एक एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी को बकाया राशि की वसूली का जिम्मा सौंपा गया. रिकवरी के तमाम प्रयास विफल हो गये, तब एसबीआई ने जनवरी 2014 में इस प्रॉपर्टी की बिक्री का जिम्मा सौंपा गया. मार्च 2014 में प्रक्रिया पूरी हुई.
Rajasthan | Following the court order, we've arrested former State Bank of India (SBI) chairman Pratip Chaudhuri in connection with a loan scam case. We presented him before the court: Dr Ajay Singh, SP Jaisalmer pic.twitter.com/rUUUCmrwyp
— ANI (@ANI) November 1, 2021
स्टेट बैंक की ओर से जारी विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि संपत्ति की बिक्री के बाद लोन लेने वाले शख्स ने प्राथमिकी दर्ज करवा दी. हालांकि, शिकायत करने वाला कोर्ट में अपने आरोपों को साबित करने में नाकाम रहा. चूंकि इस मामले में एसबीआई को किसी ने पक्षकार नहीं बनाया था, इसलिए जांच और सुनवाई के दौरान उसकी राय की जरूरत नहीं पड़ी.
बैंक ने कहा है कि संपत्ति की बिक्री करने से पहले एसबीआई ने सारी प्रक्रिया का पालन किया था. एसबीआई ने कहा है कि आगे की जांच में बैंक न्यायिक अधिकारियों की पूरी मदद करेगा. सौदे से जुड़ी तमाम जानकारियां उन्हें उपलब्ध करायी जायेंगी. बता दें कि प्रतीप चौधरी सितंबर 2013 में रिटायर हुए थे.
Posted By: Mithilesh Jha
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