धोखेबाजी से फ्री में राशन लेने वाले हो जाएं सावधान! इनकम टैक्स करने जा रहा ये काम

Free Ration Fraud: आयकर विभाग अब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत अपात्र लाभार्थियों पर कार्रवाई करेगा. आंकड़े खाद्य मंत्रालय के साथ साझा किए जाएंगे, ताकि फर्जी राशन लेने वालों को सूची से हटाया जा सके.

By KumarVishwat Sen | February 5, 2025 8:05 PM

Free Ration Fraud: भारत सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत गरीबों और जरूरतमंदों को मुफ्त राशन दिया जाता है, लेकिन अब इस योजना के अंतर्गत अपात्र लाभार्थियों पर कार्रवाई होने जा रही है. आयकर विभाग ने एक बड़ा कदम उठाते हुए घोषणा की है कि वह खाद्य मंत्रालय के साथ आंकड़े साझा करेगा ताकि योजना से जुड़े लाभार्थियों की पात्रता की जांच की जा सके. इसका उद्देश्य उन व्यक्तियों को सूची से बाहर करना है, जो किसी कारणवश पात्र नहीं हैं, लेकिन फिर भी मुफ्त राशन का लाभ उठा रहे हैं.

ऐसे होगी अपात्र लाभार्थियों की पहचान

आयकर विभाग ने हाल ही में इस योजना के तहत अपात्र लाभार्थियों की पहचान के लिए एक सख्त प्रक्रिया की शुरुआत की है. इसके अंतर्गत आधार और पैन नंबर का उपयोग करके यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लाभार्थी आयकर दाता हैं या नहीं. अगर किसी लाभार्थी का आधार नंबर आयकर डेटाबेस से जुड़ा हुआ नहीं पाया जाता, तो उसे पीएमजीकेएवाई से हटा दिया जाएगा. इसके लिए आयकर विभाग और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) के बीच आंकड़े साझा किए जाएंगे.

सरकार का उद्देश्य

यह कदम सरकार की ओर से आर्थिक धोखाधड़ी और फर्जी लाभार्थियों को रोकने के लिए उठाया गया है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) की शुरुआत कोविड-19 महामारी के बाद हुई थी, ताकि गरीब और श्रमिक वर्ग को खाद्यान्न की परेशानी से राहत मिल सके. हालांकि, योजना के तहत दिए जाने वाले मुफ्त राशन का लाभ कुछ अपात्र लोग भी उठा रहे हैं, जिन्हें आयकर की जिम्मेदारी निभानी चाहिए थी.

आंकड़े साझा करने की प्रक्रिया

आयकर विभाग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के तहत एक आदेश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि आधार और पैन नंबर का मिलान करके यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लाभार्थी कर दाता है या नहीं. अगर लाभार्थी का पैन नंबर संबंधित डेटाबेस में पाया जाता है, तो उसे पीएमजीकेएवाई से हटा दिया जाएगा. इसके लिए आयकर विभाग और खाद्य मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन (MOU) किया जाएगा, जिसमें डेटा की सुरक्षा, गोपनीयता और उसके सही तरीके से आदान-प्रदान की प्रक्रिया तय की जाएगी.

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इस कदम से क्या असर होगा?

इस कदम का मुख्य उद्देश्य वास्तविक जरूरतमंदों तक मुफ्त राशन पहुंचाना है, जबकि फर्जी लाभार्थियों को इस योजना से बाहर करना है. इसके अलावा, इससे सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता और न्यायिकता भी सुनिश्चित होगी. अगर आप भी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप पात्र हैं, क्योंकि अपात्र पाए जाने पर आपके राशन का अधिकार समाप्त हो सकता है. इस प्रक्रिया के बाद सरकारी राशन वितरण में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे अधिक लोग इसका सही तरीके से लाभ उठा सकेंगे.

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