Free Ration : यदि आपको याद हो तो गरीबों को मुफ्त अनाज देने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. यह अनाज नवंबर तक ही गरीबों को दिये जाने का प्लान है. इस बीच दिल्ली सरकार ने मुफ्त अनाज की योजना को छह महीने बढ़ा दिया है. साथ ही केंद्र की मोदी सरकार से भी ऐसा करने की अपील की है. अब बंगाल में भी इस योजना को बढ़ाने की मांग उठ रही है. इस बाबत टीएमसी सांसद सौगत राय की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने पत्र के माध्यम से केंद्र सरकार से अपील की है कि मुफ्त राशन की सुविधा 6 महीने और बढ़ा दी जाए.
इधर पीटीआई की खबर के अनुसार केंद्र सरकार का प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत मुफ्त राशन वितरण को 30 नवंबर से आगे बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. इस खबर को री-ट्वीट करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को ट्वीट किया कि महंगाई बहुत ज़्यादा हो गई है. आम आदमी को दो वक्त की रोटी भी मुश्किल हो रही है. कोरोना की वजह से कई बेरोज़गार हो गए. प्रधानमंत्री जी, ग़रीबों को मुफ़्त राशन देने की इस योजना को कृपया छः महीने और बढ़ाया जाए. दिल्ली सरकार अपनी फ़्री राशन योजना छः महीने के लिए बढ़ा रही है.
केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा है कि अर्थव्यवस्था में सुधार और ओएमएसएस नीति के तहत खुले बाजार में खाद्यान्न की अच्छी बिक्री को देखते हुए पीएमजीकेएवाई के जरिये मुफ्त राशन वितरण को नवंबर से आगे बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं है. पीएमजीकेएवाई की घोषणा मार्च, 2020 में कोरोना संक्रमण की वजह से उत्पन्न संकट को दूर करने के लिए की गई थी. प्रारंभ में, यह योजना अप्रैल-जून 2020 की अवधि के लिए शुरू की गई थी, लेकिन बाद में इसे इस साल 30 नवंबर तक बढ़ा दिया गया था.
पांडेय ने एक प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी दी कि चूंकि अर्थव्यवस्था उबर रही है और हमारी मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत खाद्यान्न की बिक्री भी इस साल असाधारण रूप से अच्छा रही है. इसलिए पीएमजीकेएवाई का विस्तार करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. पीएमजीकेएवाई के तहत सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत 80 करोड़ राशन कार्डधारकों को मुफ्त राशन की आपूर्ति करती है. राशन की दुकानों के माध्यम से उन्हें सब्सिडी वाले अनाज के अतिरिक्त मुफ्त राशन दिया जाता है. सरकार घरेलू बाजार में उपलब्धता में सुधार और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए ओएमएसएस नीति के तहत थोक उपभोक्ताओं को चावल और गेहूं दे रही है.
भाषा इनपुट के साथ
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