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Union Budget 2022: सबसे लंबे भाषण और ब्रीफकेस से लेकर बही खाता तक, बजट के बारे में जानें 10 बड़ी बातें

भारत में पहला बजट 7 अप्रैल, 1860 को पेश किया गया था, जब ईस्ट इंडिया कंपनी के स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनेता जेम्स विल्सन ने इसे ब्रिटिश क्राउन के सामने पेश किया था.

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज मंगलवार 1 फरवरी 2022 को संसद में दूसरी बार पेपरलेस बजट पेश करेंगी. यह उनका चौथा बजट होगा. इसे तैयार करने की लंबी प्रक्रिया में गोपनीयता बनाए रखने और इससे जुड़ी रोचक जानकारियों के कारण बजट हमेशा एक दिलचस्प विषय रहा है. आइए, जानते हैं इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें…

भारत में 7 अप्रैल 1860 को पहला बजट किया था पेश

भारत में पहला बजट 7 अप्रैल, 1860 को पेश किया गया था, जब ईस्ट इंडिया कंपनी के स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनेता जेम्स विल्सन ने इसे ब्रिटिश क्राउन के सामने पेश किया था.

आजाद भारत में 26 नवंबर 1947 को पेश हुआ था पहला बजट

फिरंगियों के हाथों आजादी मिलने के बाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को तत्कालीन वित्त मंत्री आरके षणमुगम चेट्टी ने पेश किया था.

2020 के बजट में निर्मला सीतारमण ने दिया था सबसे लंबा भाषण

निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2020 को केंद्रीय बजट 2020-21 पेश करते हुए 2 घंटे 42 मिनट तक सबसे लंबा भाषण देने का रिकॉर्ड अपने नाम किया. अस्वस्थ महसूस करने पर दो पेज बाकी रहने के कारण उन्हें अपना भाषण छोटा करना पड़ा.

मनमोहन सिंह के बजट में सबसे ज्यादा शब्द

हालांकि, शब्दों के लिहाज से 2020 के बजट में निर्मला सीतारमण का भाषण सबसे लंबा नहीं था. रिकॉर्ड बताते हैं कि 1991 में नरसिम्हा राव सरकार के तहत मनमोहन सिंह ने 18,650 शब्दों का सबसे लंबा बजट भाषण दिया था. उसके बाद वर्ष 2018 में वित्त मंत्री अरुण जेटली के भाषण में 18,604 शब्द थे.

सबसे छोटा भाषण

सबसे छोटे बजट भाषण का रिकॉर्ड 1977 में तत्कालीन वित्त मंत्री हीरूभाई मुल्जीभाई पटेल ने बनाया था. इसमें 800 शब्द थे.

शाम पांच बजे पेश होता था बजट

वर्ष 1999 तक केंद्रीय बजट फरवरी के आखिरी कार्य दिवस पर शाम 5 बजे पेश किया जाता था. यह ब्रिटिश काल की एक प्रथा थी, जो 1999 तक जारी रही. इसी साल तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने समय बदलकर 11 बजे कर दिया. अरुण जेटली ने उस महीने के अंतिम कार्य दिवस का उपयोग करने की औपनिवेशिक युग की परंपरा से हटकर 2017 में 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करना शुरू किया.

1955 तक अंग्रेजी में पेश होता था बजट

साल 1955 तक केंद्रीय बजट अंग्रेजी में पेश किया जाता था. हालांकि, कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने बाद में बजट पत्रों को हिंदी और अंग्रेजी दोनों में छापने का फैसला किया.

2017 में रेल बजट को केंद्रीय बजट में मिलाया गया

2017 तक रेल बजट और केंद्रीय बजट अलग-अलग पेश किए जाते थे. यह 92 साल की प्रथा थी. 2017 में रेल बजट को केंद्रीय बजट में मिला दिया गया और एक साथ पेश किया गया.

सीतारमण बजट पेश करने वाली दूसरी महिला मंत्री

2019 में सीतारमण इंदिरा गांधी के बाद बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बनीं. इंदिरा गांधी ने वित्तीय वर्ष 1970-71 के लिए बजट पेश किया था.

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सीतारमण ने की बही-खाता की शुरुआत

सीतारमण ने ब्रीफकेस ले जाने के “औपनिवेशिक प्रथा” को दूर करते हुए बजट दस्तावेजों को ले जाने के लिए ‘बही खाता’ की शुरुआत की. ‘बही खाता’ पर राष्ट्रीय चिह्न छपा रहता है. पिछले साल से चूंकि बजट पेपरलेस हो गया, इसलिए कोई ‘बही खाता’ भी नहीं है, लेकिन जिस टैबलेट से सीतारमण ने अपना बजट भाषण पढ़ा, वह बही खाता जैसे लाल लिफाफे में लिपटा हुआ था.

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