Chhath Puja 2020, Weather: हैदरनगर (जफर हुसैन) : कोरोना की मार झेल रहे पलामू के फल व्यवसायियों को छठ महापर्व पर बारिश की भी मार झेलनी पड़ रही है. छठ महापर्व को लेकर हैदरनगर बाजार क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक फल की दुकानें सजी हैं. तरह तरह के फल से बाजार पट गया है. लेकिन, बारिश ने इनकी कमाई पर बंदिश लगा दी है.
सेव, अनार, नारंगी, अंगूर, अनारस, मौसम्मी से लेकर चीकू तक लेकर दुकानदार बैठे हैं. छठ के अवसर पर ईख का अलग ही महत्व होता है. इसलिए दुकानदारों ने भारी मात्रा में ईख की खरीदारी भी कर ली है. मगर इस बार फल व्यवसाय पर कोरोना व बारिश की मार साफ देखी जा रही है.
फल व्यवसायी अशोक कुमार ने बताया कि प्रत्येक वर्ष छठ महापर्व के मौके पर हैदरनगर में 15 से 20 लाख रुपये के फल का कारोबार होता है. इस बार नवरात्र, दीपावली में भी अच्छा कारोबार नहीं हुआ. उम्मीद थी कि छठ महापर्व के मौके पर सब कुछ सामान्य हो जायेगा. मगर ऐसा होता दिख नहीं रहा है.
Also Read: Weather Forecast: झारखंड में मौसम का मिजाज बदला, पलामू में 11 मिमी वर्षा, छठ के दिन होगी बारिश, तापमान 4 डिग्री तक गिरेगाउन्होंने बताया कि इस बार छठ के मौके पर पांच से आठ लाख रुपये का ही कारोबार होने की संभावना है. फल व्यवसायी राजा गिरी ने बताया कि सरकार ने छठ महापर्व को लेकर सार्वजनिक घाट, तालाबों में छठ नहीं करने संबंधी गाइडलाइन जारी कर संशय की स्थिति पैदा कर दी थी. अब छूट मिल गयी है.
उन्होंने कहा कि बहुत से लोग जो अन्य राज्यों में काम-धंधा करते हैं, इस बार अपने घर नहीं आये. फल व्यवसाय कोरोना की मार पहले से झेल रहा था. छठ महापर्व के मौके पर बेमौसम बारिश ने फल व्यवसायियों के व्यापार को बुरी तरह से प्रभावित किया है.
फल व्यवसायी शमीम राइन ने बताया कि फल व्यवसाय से जुड़े लोगों ने पर्व को देखते हुए फल का बड़ा स्टॉक मंगवा लिया था. मौसम ठीक ही था. इसलिए अच्छा व्यवसाय होने की उम्मीद थी. एकाएक मौसम ने करवट ली और ग्राहक घर में दुबके रहने को मजबूर हो गये. गांव से लोग बाजार आ ही नहीं रहे हैं. व्यापार आधार रह गया है.
Also Read: Jharkhand News: नक्सली संगठन पीएलएफआइ ने डॉ शंभु प्रसाद से मांगी 20 लाख रुपये की रंगदारीसनोज मालाकार कहते हैं कि कि कोरोना के शुरुआती दौर से अब तक फल व्यवसाय मंदी की मार झेल रहा है. लोगों के पास रोजगार नहीं रहा, तो उनकी क्रय शक्ति घट गयी है. ऊपर से मौसम बदल गया है. यही वजह है कि पर्व-त्योहार होने के बावजूद फलों की मांग में कमी आ गयी है.
Posted By : Mithilesh Jha
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