UPI News : अब भारत आने वाले जी-20 देशों के यात्री भी यूपीआई के जरिये कर सकेंगे पेमेंट

आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में भारत आने वाले विदेशी नागरिकों और प्रवासी भारतीयों को भारत आने पर यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) का इस्तेमाल करने की अनुमति देने का फैसला किया था. आरबीआई ने कहा कि जी-20 देशों के प्रतिनिधि भी विभिन्न जी-20 के बैठक स्थलों पर यूपीआई पेमेंट सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.

By KumarVishwat Sen | February 22, 2023 11:49 AM
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नई दिल्ली : भारत में आने वाले जी-20 देशों के यात्री अब यूपीआई के जरिये भुगतान कर सकेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि जी-20 देशों से आने वाले यात्री बेंगलुरु, मुंबई और नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर यूपीआई से जुड़े ‘प्रीपेड भुगतान इंस्ट्रूमेंट वॉलेट’ प्राप्त कर सकते हैं और इसके जरिये भारत में पांच करोड़ से अधिक दुकानों पर इसका भुगतान में उपयोग कर सकते हैं.

तीन शहरों में कर सकेंगे यूपीआई पेमेंट

आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में भारत आने वाले विदेशी नागरिकों और प्रवासी भारतीयों को भारत आने पर यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) का इस्तेमाल करने की अनुमति देने का फैसला किया था. केंद्रीय बैंक ने कहा था कि इसकी शुरुआत चुनिंदा हवाईअड्डों (बेंगलुरु, मुंबई और नई दिल्ली) पर आने वाले जी-20 देशों के यात्रियों से की जाएगी. पात्र यात्रियों को दुकानों पर भुगतान करने के लिये यूपीआई से जुड़े प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई) वॉलेट जारी किये जाएंगे.

जी-20 बैठक स्थल पर प्रतिनिधि भी उठा सकेंगे फायदा

आरबीआई ने कहा कि जी-20 देशों के प्रतिनिधि भी विभिन्न जी-20 के बैठक स्थलों पर यूपीआई पेमेंट सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. शुरू में आईसीआईसीआई बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और दो गैर-बैंक पीपीआई जारीकर्ता, पाइन लैब्स प्राइवेट लिमिटेड और ट्रांसकॉर्प इंटरनेशनल लिमिटेड यूपीआई से जुड़े वॉलेट जारी करेंगे.

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5 करोड़ से अधिक दुकानों पर यूपीआई पेमेंट

आरबीआई ने कहा कि भारत आने वाले यात्री अब पूरे देश में 5 करोड़ से अधिक उन दुकानों पर यूपीआई के जरिये भुगतान कर सकते हैं, जो क्यूआर कोड-आधारित यूपीआई भुगतान स्वीकार करते हैं. जी-20 दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है. इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं.

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