Covid-19 के खिलाफ एकजुट हुए G20 के देश, महामारी से लड़ने के लिए दुनिया को दिखाएंगे रास्ता
कोरोना वायरस महामारी (Covid-19) के खिलाफ दुनिया के शीर्ष ताकतवर नेताओं के एकजुट होकर लड़ने के आह्वान के साथ इस बार जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) की शनिवार को शुरुआत हुई. यह सम्मेलन कोविड-19 के दौर में आभासी तरीके से हो रहा है. इस महामारी के कारण दुनियाभर में अब तक 13.7 लाख से अधिक लोग मारे जा चुके हैं.
दुबई : कोरोना वायरस महामारी (Covid-19) के खिलाफ दुनिया के शीर्ष ताकतवर नेताओं के एकजुट होकर लड़ने के आह्वान के साथ इस बार जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) की शनिवार को शुरुआत हुई. यह सम्मेलन कोविड-19 के दौर में आभासी तरीके से हो रहा है. इस महामारी के कारण दुनियाभर में अब तक 13.7 लाख से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. ऐसे में, जी-20 देशों को इस शिखर सम्मेलन में यह अवसर भी मिला है कि वे इस तरह की महामारी से लड़ने में दुनिया को रास्ता दिखाने में अपनी उपयोगिता साबित करें. हालांकि, इस महामारी की चुनौतियों के चलते इस तरह के समूहों की अंदरुनी खामियां भी उभरकर सामने आयी हैं.
सऊदी अरब के सुल्तान किंग सलमान ने शिखर सम्मेलन के शुरुआती संबोधन में कहा कि इस शिखर सम्मेलन के दौरान हमारे सामने चुनौती के आगे डटकर खड़े होने की जिम्मेदारी है. हमारे सामने यह जिम्मेदारी भी है कि हम आशा और आश्वासन का संचार करें. वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस शिखर सम्मेलन में बताया कि अमेरिका ने इस महामारी की रोकथाम करने, अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण करने और टीके के विकास की दिशा में किस तरह से काम किया है.
गौरतलब है कि जी-20 देशों ने वायरस का टीका विकसित करने के लिए अरबों डॉलर का योगदान दिया है. ये देश अपने लिए टीके का कोटा सुनिश्चित करने पर ही ज्यादातर केंद्रित रहे हैं. ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी जैसे जी-20 देशों ने टीके की अरबों खुराक के लिए दवा कंपनियों के साथ सीधे बातचीत की है. इसका अर्थ हुआ कि अगले साल वैश्विक बाजार को टीके की जो खुराकें मिल पाएंगी, उनमें से अधिकांश हिस्सा पहले से ही आरक्षित है.
‘दी गार्जियन’ के पास उपलब्ध ट्रंप भाषण के अनुसार, ‘आप लोगों के साथ काम करना बड़े सम्मान की बात रही है. मैं फिर से आप लोगों के साथ लंबे समय तक काम करने को उत्सुक हूं.’ साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने भी इसी तरह की खबर प्रकाशित की है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरेस ने शिखर सम्मेलन के शुरू होने से एक दिन पहले कहा था कि टीके व इलाज आदि के विकास पर 10 अरब डॉलर खर्च किये जा चुके हैं, लेकिन टीके के व्यापक स्तर पर विनिर्माण, खरीद और दुनिया भर में वितरण के लिए अभी अतिरिक्त 28 अरब डॉलर की जरूरत होगी.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुतेरेस ने दुनियाभर के देशों में कोविड-19 का टीका वितरित करने के लिए बनाए गए समूह कोवैक्स में अधिक से अधिक जी-20 देशों के शामिल होने की अपील भी की. ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने इस समूह में शामिल होने से इनकार किया है. कोरोना वायरस महामारी ने दुनिया भर में कहर बरपाया है. कई देशों की आर्थिक स्थिति बेहद जर्जर हो गयी है. इस महामारी से सर्वाधिक प्रभावित नौ देशों में सभी जी-20 समूह के ही हैं.
अमेरिका जहां इससे सर्वाधिक प्रभावित है, वहीं उसके बाद भारत, ब्राजील, फ्रांस, रूस, स्पेन, ब्रिटेन, अर्जेंटीना और इटली जैसे जी-20 देशों का स्थान है. इस शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे तीन जी-20 नेता ‘ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप’ इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं.
इस बार शिखर सम्मेलन में सभी नेताओं का जुटान नहीं हो पाने के कारण पारंपरिक सामूहिक तस्वीर को डिजिटल तरीके से डिजायन किया गया है. सभी नेताओं की तस्वीरों को डिजिटल तरीके से सऊदी अरब की राजधानी रियाद के एक ऐतिहासिक स्थल की तस्वीर के ऊपर लगाया गया है. इस बार शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए रियाद को चुना गया था.
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Posted BY : Vishwat Sen
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