G20 Summit: विकासशील देशों में ऋण की अब नहीं होगी दिक्कत, निपटने के लिए तत्काल प्रभावी कार्यवाही पर बनी सहमती

G20 Summit: जी-20 देशों के नेताओं ने नयी दिल्ली घोषणापत्र में जाम्बिया, घाना और श्रीलंका जैसे विकासशील देशों में ऋण संबंधी परेशानियों से निपटने के लिए तत्काल और प्रभावी ढंग से कार्यवाही करने पर सहमति जताई.

By Madhuresh Narayan | September 10, 2023 9:37 AM

G20 Summit: आर्थिक तंगी से जूझ रहे विकासशील देशों को अब ऋण की समस्या नहीं होगी. जी-20 देशों के नेताओं ने नयी दिल्ली घोषणापत्र में जाम्बिया, घाना और श्रीलंका जैसे विकासशील देशों में ऋण संबंधी परेशानियों से निपटने के लिए तत्काल और प्रभावी ढंग से कार्यवाही करने पर सहमति जताई. तीनों देशों- जाम्बिया और घाना में कर्ज संबंधी मुद्दों को साझा कार्ययोजना के तहत निपटा जाएगा, वहीं श्रीलंका को इससे बाहर रखा गया है. घोषणापत्र में कहा गया कि वैश्विक वित्तीय स्थितियों में उल्लेखनीय सख्ती के साथ जोखिमों का संतुलन नीचे की ओर झुका हुआ है. यह सख्ती ऋण की कमजोरियों, लगातार मुद्रास्फीति और भू-आर्थिक तनाव को और खराब कर सकती है. जी-20 नेताओं ने विकासशील देशों में ऋण संबंधी मुद्दों पर तत्काल और प्रभावी ढंग से कार्यवाही करके लचीली वृद्धि को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई.

आधिकारिक ऋणदाता समिति का गठन होगा

घोषणापत्र में नेताओं ने निम्न और मध्यम आय वाले देशों में ऋण कमजोरियों को प्रभावी, व्यापक और व्यवस्थित तरीके से संबोधित करने के महत्व पर फिर से जोर दिया. जी-20 ने उचित सिफारिशें करने के लिए साझा कार्ययोजना के कार्यान्वयन से जुड़े नीति-संबंधित मुद्दों पर निरंतर चर्चा का आह्वान किया. साझा कार्ययोजना से परे घोषणापत्र ने श्रीलंका की ऋण स्थिति के समय पर समाधान के लिए सभी प्रयासों का स्वागत किया, जिसमें आधिकारिक ऋणदाता समिति का गठन और जल्द से जल्द समाधान शामिल है. अभी तक सिर्फ चाड में ऋण पुनर्गठन हुआ है.

वित्तीय संस्थानों से अधिकतम विकास प्रभाव के लिए निजी पूंजी का लाभ उठायें

बेहतर, बड़े और अधिक प्रभावी बहुपक्षीय विकास बैंक (एमडीबी) के लिए प्रतिबद्ध जी-20 नेताओं ने शनिवार को नयी दिल्ली घोषणापत्र (नयी दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन) में वित्तीय संस्थानों से अधिकतम विकास प्रभाव बनाने के लिए नवीन वित्तपोषण मॉडल और नई साझेदारियों के माध्यम से निजी पूंजी का लाभ उठाने को कहा. इसने एमडीबी पूंजी पर्याप्तता फ्रेमवर्क (सीएएफ) की जी-20 स्वतंत्र समीक्षा की सिफारिशों को लागू करने के लिए कार्ययोजना का भी समर्थन किया और एमडीबी के अपने ढांचे के भीतर उनकी दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता, मजबूत क्रेडिट रेटिंग और पसंदीदा ऋणदाता स्थिति की सुरक्षा करते हुए इसके महत्वाकांक्षी कार्यान्वयन का आह्वान किया. जी-20 नयी दिल्ली घोषणापत्र में कहा गया कि हम एमडीबी, विषय विशेषज्ञों और शेयरधारकों के साथ बातचीत सहित क्रमिक आधार पर कार्यान्वयन की प्रगति की नियमित समीक्षा का भी आह्वान करते हैं. हम सीएएफ सिफारिशों को लागू करने में उनकी प्रगति के लिए, विशेष रूप से जोखिम उठाने की क्षमता और वित्तीय नवाचार की परिभाषाओं को अपनाने के संबंध में एमडीबी की सराहना करते हैं.

बड़े और अधिक प्रभावी एमडीबी के लिए सुधारों को आगे बढ़ाने की जरूरत

बेहतर, बड़े और अधिक प्रभावी एमडीबी के लिए सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध जी-20 नेताओं ने इन संस्थानों से अपने दृष्टिकोण, प्रोत्साहन संरचनाओं, परिचालन दृष्टिकोण और वित्तीय क्षमताओं को विकसित करने के लिए व्यापक प्रयास करने का आग्रह किया ताकि वे बेहतर ढंग से सुसज्जित हो सकें, जिससे विकासात्मक प्रभाव को अधिकतम करने के लिए वैश्विक चुनौतियों से निपटा जा सके. घोषणापत्र में कहा गया कि विकास की जरूरतों और वैश्विक चुनौतियों को पूरा करने के लिए निवेश को बढ़ाने के लिए इसपर बड़े पैमाने पर जोर देने की आवश्यकता है और इस संदर्भ में, हम आईएमएफ और विश्व बैंक से अन्य प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ समन्वय में ईएमडीई में घरेलू संसाधन जुटाने के प्रयासों का समर्थन करने के लिए कहते हैं. घोषणापत्र के अनुसार, हम एमडीबी से अपने विकास प्रभाव को अधिकतम करने के लिए नवीन वित्तपोषण मॉडल और नई साझेदारियों के माध्यम से निजी पूंजी का लाभ उठाने का आह्वान करते हैं. अन्य बहुपक्षीय प्रयासों को स्वीकार करते हुए हम एक नए वैश्विक वित्तपोषण समझौते के लिए शिखर सम्मेलन पर ध्यान देते हैं.

Also Read: G-20 Summit : पीएम मोदी ने ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस का किया ऐलान, पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल मिलाने की अपील

वैश्विक समुदाय के लिए स्वागत योग्य आह्वान: महिंद्रा समूह के सीईओ

जी20 घोषणापत्र कई संदर्भों में वैश्विक समुदाय के लिए व्यापक और विविध कार्यों के लिए एक स्वागत योग्य आह्वान है. महिंद्रा समूह के प्रबंध निदेशक और सीईओ अनीश शाह ने यह बात कही. उन्होंने साथ ही जोड़ा कि दुनिया के सामने जटिल चुनौतियां हैं. उन्होंने एक बयान में कहा कि नयी दिल्ली घोषणा पत्र न केवल भारत की ऊर्जावान अध्यक्षता को दर्शाती है, बल्कि इससे वैश्विक मंच पर देश की बढ़ी हुई हैसियत का भी पता चलता है. उन्होंने कहा कि इस घोषणा पत्र के पालन से सभी के लिए शांति और समृद्धि के साथ समावेशी और टिकाऊ वृद्धि की ओर बढ़ा जा सकता है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version