Adani New Deal: गौतम अदाणी ने सिमेंट सेक्टर में किया बड़ा डील, इस कंपनी का करेंगे अधिग्रहण, जानें डिटेल
Adani New Deal: एपीएसईजेड के सीईओ करण अदाणी ने बताया कि अदाणी समूह सांघीपुरम के निजी इस्तेमाल वाले बंदरगाह की क्षमता बढ़ाने के लिए निवेश करेगा. इससे यहां बड़े जहाज आ सकेंगे. अदाणी समूह पश्चिमी भारत की प्रमुख सीमेंट निर्माता सांघी इंडस्ट्रीज में बहुलांश हिस्सेदारी लेने के लिए पहले से बातचीत कर रहे थे
Adani New Deal: अदाणी समूह तेजी से देश में अपना कारोबार बढ़ा रही है. इस बीच खबर आ रही है कि समूह ने सिमेंट के सेक्टर में एक और बड़ी खरीदारी की है. अदानी समूह की कंपनी और अदानी सीमेंट के हिस्सेदारी वाली अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड ने सांघी इंडस्ट्रीज को खरीदने का एलान किया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 5000 करोड़ के एंटरप्राइजेज वैल्यू के जरिए सांघी इंडस्ट्रीज का अधिग्रहण किया जाएगा. एपीएसईजेड के सीईओ करण अदाणी ने बताया कि अदाणी समूह सांघीपुरम के निजी इस्तेमाल वाले बंदरगाह की क्षमता बढ़ाने के लिए निवेश करेगा. इससे यहां बड़े जहाज आ सकेंगे. बताया जा रहा है कि अदाणी समूह पश्चिमी भारत की प्रमुख सीमेंट विनिर्माता सांघी इंडस्ट्रीज में बहुलांश हिस्सेदारी लेने के लिए काफी पहले से बातचीत कर रहा था. अमेरिकी शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की जनवरी में जारी रिपोर्ट में वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप लगाने के बाद अदाणी समूह का पहला प्रमुख समझौता होगा.
अदाणी सीमेंट को अपनी क्षमता का विस्तार करने में मिलेगी मदद
अदाणी समूह के समझौते से अल्ट्राटेक के बाद दूसरी सबसे बड़ी विनिर्माता अदाणी सीमेंट को अपनी क्षमता का विस्तार करने में मदद मिलेगी. समूह ने इस क्षेत्र में पिछले सितंबर में अंबुजा सीमेंट और इसकी सहायक कंपनी एसीसी लिमिटेड में बहुलांश हिस्सेदारी के अधिग्रहण के बाद प्रवेश किया था. कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सौदे में सांघी इंडस्ट्रीज का उद्यम मूल्य लगभग 60 करोड़ डॉलर है और अदाणी समूह प्रवर्तकों की हिस्सेदारी खरीदेगा. प्रवर्तक एंड प्रवर्तक समूह के पास 30 जून, 2023 तक सांघी इंडस्ट्रीज में 72.72 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. इस संबंध में अडाणी समूह से ई-मेल के जरिये सवाल पूछे गये, लेकिन उनकी ओर से फिलहाल कोई जवाब नहीं आया है.
अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड आंतरिक स्रोत से होगा अधिग्रहण
कंपनी के अनुसार, अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड के द्वारा सांघी इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मौजूदा प्रमोटर ग्रुप रवि सांघी एंड फैमिली से कंपनी का 56.74 फीसदी हिस्सा खरीदेगा. इस अधिग्रहण को अंबुजा सीमेंट्स पूरी तरह आंतरिक स्त्रोतों से फंड करेगा. सांधी इंडस्ट्रीज के अधिग्रहण के बाद अंबुजा सिमेंट की प्रोडक्शन की कैपिसिटी 73.6 मीट्रिक टन सालाना तक बढ़ जाएगी. एसीएल का 2028 तक 140 MTPA क्षमता को हासिल करने का लक्ष्य समय से पहले पूरा हो जाएगा. इसके साथ ही, अंबुजा सिमेंट का लक्ष्य है कि सांघी इंडस्ट्रीज को देश की सबसे कम लागत वाली क्लिंकर की कंपनी बनाया जाए. अंबुजा सीमेंट्स को सांघी इंडस्ट्रीज को खरीदने से काफी फायदा मिलने की उम्मीद है और इस अधिग्रहण के बाद एसीएल की सीमेंट कैपिसिटी मौजूदा 67.5 MTPA से बढ़कर 73.6 MTPA हो जाएगी.
क्या है सांघी इंडस्ट्रीज का ऐसेट्स
सांघी इंडस्ट्रीज के मौजूदा मालिक रवि सांघी एंड फैमिली हैं. उनके पास कंपनी के 56.74 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. कंपनी के पास गुजरात के कच्छ जिले के सांघीपुरम में भारत का सबसे बड़ा सिंगल लोकेशन सीमेंट औक क्लिंकर यूनिट है. कंपनी के पास ये सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड यूनिट है. सांघी के अधिग्रहण के बाद अंबुजा सिमेंट के पास कंपनी का सबसे बड़ा सीमेंट यूनिट आ जाएगा. सांघी का सिमेंट यूनिट 2700 एकड़ जमीन पर स्थित है और ये इंटीग्रेटेड यूनिट 2 क्लिंस और 6.6 MTPA के साथ साथ 6.1 MTPA की ग्राइंडिग यूनिट है. इसके साथ ही, प्लांट में 130 मेगावॉट का कैप्टिव पावर प्लांट है. जबकि 13 मेगावॉट का वेस्ट हीट रिकवरी सिस्टम भी है. यूनिट सांघीपुरम में एक कैप्टिव जैटी के साथ भी जुड़ी हुई है.
कैसे एक कंपनी दूसरे कंपनी का अधिग्रहण करती है
कंपनी एक दूसरी कंपनी का अधिग्रहण (मर्जर और अक्कर्ता) करने के लिए दोनों कंपनियों में पहले वार्ता होती है. अधिग्रहण की योजना बनाने के लिए दोनों कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स एक समझौते पर सहमत होते हैं. इसमें अधिग्रहण के विवरण, समयसीमा, सम्पत्ति का मूल्यांकन, स्टॉक मुद्रा आदि का समायोजन होता है. एक बार योजना बनने और समझौते के बाद, नौबत (फॉर्म 23C और फॉर्म 1 नौबत) जारी किया जाता है. इसमें अधिग्रहण की प्रक्रिया और विवरण शामिल होते हैं. नौबत जारी करने के बाद, उसे सर्वोच्च न्यायालय या नौबत स्वीकृति अधिकारी को प्रस्तुत किया जाता है. स्वीकृति प्राप्त करने के बाद, योजना के मुताबिक अधिग्रहण का कार्यान्वयन शुरू किया जाता है. इसमें एक कंपनी दूसरी कंपनी के सम्पत्ति, स्टॉक, और सम्पत्ति का नियंत्रण प्राप्त करती है. अधिग्रहण के बाद, दोनों कंपनियों के विभिन्न प्रक्रिया, उत्पादन, वित्त, और प्रबंधन की प्रणालियों को एकीकृत किया जाता है. विभिन्न विभाजित संरचना को एक समेकित और संगठित संरचना में बदला जाता है.
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