Adani Group Share Price: अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग के आरोपों से संपत्ति में गिरावट का सामना करने के कुछ ही महीनों बाद, भारतीय उद्योगपति गौतम अदाणी (Gautam Adani) का अदाणी समूह अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड को खरीदने के लिए गए 3.5 बिलियन डॉलर का ऋण लेने जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों और वित्तीय संस्थानों के समूह ने इस ऋण के लिए सहमत जतायी है. समझा जा रहा है कि इस बड़े लोन से अदाणी ग्रुप की वित्तीय स्थिरता में लेनदारों के बीच विश्वास को बढ़ावा देने में बड़ी मदद मिलेगी. शेयर बाजार में इस खबर के बाद कंपनी के शेयर में बड़ा उछाल देखने को मिला. अदाणी इंटरप्राइजेज के शेयर बाजार खुलने के 20 मिनट में ही 9.20 बजे ओपनिंग प्राइस 2402 रुपये से 34 रुपये ऊपर 2436 रुपये पर पहुंच गया. हालांकि, दोपहर 12 बजे तक कंपनी के शेयर में करीब 0.42 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली. इसके बाद, अदाणी इंटरप्राइजेज के शेयर 2393.15 रुपये पर कारोबार कर रहा था. गौरतलब है कि आज भारतीय शेयर बाजार कमजोर ग्लोबल संकेतों के बीच गिरकर खुला. वहीं, दोपहर 12 बजे तक सेंसेक्स 265 अंक गिरकर 65,367 पर कारोबार कर रहा था. जबकि, निफ्टी-50 67 अंक गिरकर 19,557 पर कारोबार कर रहा था.
18 बैंक और वित्तीय समुह मिलकर दे रहे हैं लोन
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस सौदे पर इसी सप्ताह मुहर लग सकती है. अदाणी समुह को मिलने वाला ये लोन साल एशिया के 10 सबसे बड़े ऋणों में से एक होगा. द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बार्कलेज, डॉयचे बैंक और स्टैंडर्ड चार्टर्ड सहित 18 वैश्विक बैंक ऋण के लिए समूह के साथ समझौता किया हैं. 18 ऋणदाताओं में एमयूएफजी, मिजुहो, एसएमबीसी, डीबीएस, फर्स्ट अबू धाबी बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, बार्कलेज, ड्यूश बैंक, आईएनजी, बीएनपी पारिबा और कतर का क्यूएनबी भी शामिल हैं.
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52.8 बिलियन डॉलर है अदाणी की नेटवर्थ
ईटी ने बताया कि पुनर्वित्त से तीन साल की अवधि में लगभग एक चौथाई अरब डॉलर बचाने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही, अडाणी ग्रुप ने अंबुजा और एसीसी का करीब 2 अरब डॉलर का कर्ज चुकाया है. रिपोर्ट के अनुसार, ऋण का वितरण अगले सप्ताह शुरू हो जाएगा. इस ऋण ने पुनर्भुगतान की समयसीमा को 2027 तक बढ़ा दिया है. बता दें कि जब हिंडनबर्ग ने अदाणी समूह पर स्टॉक में हेरफेर का आरोप लगाया था, उस वक्त गौतम अडानी भारत के सबसे अमीर व्यक्ति थे. आरोपों के कुछ हफ़्तों के भीतर, शेयर बाजार में गिरावट के बाद उनकी कुल संपत्ति 40 बिलियन डॉलर तक गिर गई. पिछले कुछ महीनों में, अदाणी समूह के शेयरों में भारतीय-अमेरिकी निवेशक राजीव जैन द्वारा धन लगाने और निवेशकों के विश्वास को प्रेरित करने वाले अन्य आपातकालीन उपायों के कारण अदाणी ने अपनी खोई हुई कुछ संपत्ति वापस पा ली है. फोर्ब्स के मुताबिक, अडानी की मौजूदा नेटवर्थ 52.8 बिलियन डॉलर है.
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सेबी ने दुबई के व्यापारियों से मिले फंड के जांच का दिया था आदेश
भारत का बाजार नियामक (SEBI) अडानी समूह और ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह में निगमित एक फंड के बीच संबंधों की जांच कर रहा है ताकि यह देखा जा सके कि शेयर स्वामित्व नियमों का उल्लंघन हुआ है या नहीं. सूत्रों ने कहा कि इस फंड को गल्फ एशिया ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट कहा जाता है. पिछले महीने इसकी वेबसाइट की जांच के अनुसार, इसका स्वामित्व दुबई के व्यवसायी नासिर अली शाबान अहली के पास है. संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना (OCCRP) और खोजी पत्रकार समूह द्वारा रॉयटर्स को उपलब्ध कराए गए डेटा के अनुसार, फंड ने कई सूचीबद्ध अदाणी फर्मों में निवेश किया है. यह जांच सेबी की भारतीय समूह की जांच का हिस्सा है, जो शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की जनवरी की रिपोर्ट के बाद है. इसमें कहा गया था कि ऑफशोर शेल कंपनियों ने अदाणी सूचीबद्ध फर्मों में गुप्त रूप से स्टॉक का स्वामित्व किया है, जिससे शासन संबंधी चिंताएं पैदा हो रही हैं.
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