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गौतम अडानी बोले- 2030 से पहले भारत बनेगा दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी, 2050 तक हम होंगे दूसरे स्थान पर

अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने दावा किया कि अगले तीन दशक भारत को उद्यमिता के मामले में सबसे आगे ले जाएंगे. दुनिया के तीसरे और देश के पहले सबसे अमीर शख्स ने मुंबई में वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ अकाउंटेंट्स 2022 को संबोधित करते हुए यह बात कही.

Gautam Adani News : अडानी समूह के गौतम अडानी (Gautam Adani) ने कहा है कि भारत साल 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकनॉमी (World’s Third largest Economy) बन जाएगा. वहीं, साल 2050 तक भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा. दुनिया के तीसरे और देश के पहले सबसे अमीर शख्स ने मुंबई में वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ अकाउंटेंट्स 2022 को संबोधित करते हुए यह बात कही.

चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए आधार तैयार

अडानी ग्रुप (Adani Group) के फाउंडर और चेयरमैन ने दावा किया कि अगले तीन दशक भारत को उद्यमिता (Entrepreneurship) के मामले में सबसे आगे ले जाएंगे. अडानी ने कहा कि साल 2021 में भारत में यूनिकॉर्न्स की रफ्तार दुनिया में सबसे तेज थी. भारत ने इस साल वैश्विक स्तर पर रियल टाइम ट्रांजैक्शंस को अंजाम दिया. यह अमेरिका, जर्मनी, कनाडा और फ्रांस के कुल जोड़ से भी 6 गुना ज्यादा था. इन सबने चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए एक आधार तैयार किया है, जहां मानव और मशीनें एक दूसरे से जुड़ी हुईं हैं.

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भारत बनेगा 30 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी

भारत की जीडीपी पर गौतम अडानी ने कहा, हमें एक ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी तक पहुंचने में 58 साल लग गए. अगले एक ट्रिलियन के लिए 12 साल लगे, जबकि जीडीपी को तीन ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने में सिर्फ 5 साल लगे. इससे यह पता चलता है कि देश की जीडीपी तेजी से बढ़ रही है. अब अनुमान है कि अगले दशक में भारत हर 12 से 18 महीनों में अपनी जीडीपी में एक ट्रिलियन डॉलर जोड़ना शुरू कर देगा. इसके साथ उन्होंने कहा कि साल 2050 तक भारत 30 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा.

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अडानी ने लेखाकारों की 21वीं विश्व कांग्रेस में कहा कि एक के बाद एक आये वैश्विक संकटों ने कई धारणाओं को चुनौती दी है- मसलन चीन को पश्चिमी लोकतांत्रिक सिद्धांतों को अपनाना चाहिए, धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत सार्वभौमिक हैं, यूरोपीय संघ एकजुट रहेगा और रूस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमतर भूमिका को स्वीकार करने के लिए मजबूर होगा.

उन्होंने कहा, इस बहुस्तरीय संकट ने ऐसी महाशक्तियों की एकध्रुवीय या द्विध्रुवीय दुनिया के मिथक को तोड़ दिया है जो वैश्विक वातावरण में कदम रख सकती है और इन्हें स्थिर कर सकती हैं. उन्होंने कहा, इस बहुस्तरीय संकट ने महाशक्तियों की एकध्रुवीय या द्विध्रुवीय दुनिया के मिथक को तोड़ दिया है जो वैश्विक वातावरण में कदम रख सकती है और स्थिर कर सकती है.

अडाणी ने कहा कि एक महाशक्ति को एक फलता-फूलता लोकतंत्र भी होना चाहिए लेकिन इस बात पर भी विश्वास करना चाहिए कि ‘लोकतंत्र की कोई एक समान शैली नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था की नींव प्रासंगिक हो सकती है और बहुमत वाली सरकार ने देश को राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था में कई संरचनात्मक सुधार शुरू करने की क्षमता दी है.

अडानी ने आगे कहा, जीडीपी को पहली बार हजार अरब डॉलर तक पहुंचने में 58 साल लगे, अगले एक हजार अरब तक पहुंचने में 12 साल और तीसरे हजार अरब डॉलर तक पहुंचने में सिर्फ पांच साल लगे. उन्होंने कहा, मेरा अनुमान है कि अगले दशक के भीतर भारत हर 12 से 18 महीनों में अपने जीडीपी में हजार अरब डॉलर जोड़ना शुरू कर देगा, जिससे हम 2050 तक 30 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के राह पर आ जाएंगे और शेयर बाजार पूंजीकरण संभवतः 45,000 अरब डॉलर से अधिक हो जाएगा. भारत वर्तमान में 3500 अरब डॉलर की जीपीडी के साथ दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.

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