GDP: वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी 7 फीसदी रहने का अनुमान, वैश्विक संकट का असर
GDP: 2022-23 में स्थिर कीमतों पर वास्तविक जीडीपी 157.60 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है, जबकि 2021-22 के लिए अनंतिम अनुमान 147.36 लाख करोड़ रुपये था. यानी 2022-23 में वास्तविक जीडीपी में वृद्धि 7 फीसदी अनुमानित है. जबकि 2021-22 में यह 8.7 फीसदी था.
GDP: चालू वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी 7 फीसदी रह सकता है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने सालाना जीडीपी ग्रोथ का पहला अग्रिम अनुमान जारी किया है. 2022-23 में स्थिर कीमतों पर वास्तविक जीडीपी 157.60 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है, जबकि 2021-22 के लिए अंतिम अनुमान 147.36 लाख करोड़ रुपये था. यानी 2022-23 में वास्तविक जीडीपी में वृद्धि 7 फीसदी अनुमानित है. जबकि 2021-22 में यह 8.7 फीसदी था.
First Advance Estimates of National Income,2022-23 | Nominal GDP or GDP at Current Prices in 2022-23 estimated at Rs 273.08 lakh cr,as against Provisional Estimate for 2021-22 of Rs 236.65 lakh cr.Growth in nominal GDP in 2022-23 estimated at 15.4% as compared to 19.5% in 2021-22 pic.twitter.com/KVMSNIlPJm
— ANI (@ANI) January 6, 2023
अनुमान बजट तैयार करने में होता है सहायक: वित्त वर्ष 2022-23 के लिए राष्ट्रीय आय का पहला अग्रिम अनुमान काफी अहम होता है क्योंकि इन आंकड़ों का उपयोग केंद्र सरकार अगले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट तैयार करने के लिए करती है. बीते महीने, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष के लिए देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के अनुमान को पहले के सात फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया था. ऐसा भू राजनीतिक तनाव और वैश्विक वित्तीय परिस्थितियों के मद्देनजर किया गया था.
First Advance Estimates of National Income, 2022-23 | Real GDP or GDP at Constant(2011-12)prices in 2022-23 estimated at Rs 157.60 lakh cr,as against Provisional Estimate for 2021-22 of Rs 147.36 lakh cr.Growth in real GDP in 2022-23 estimated at 7% as compared to 8.7% in 2021-22 pic.twitter.com/BqIXm5COa6
— ANI (@ANI) January 6, 2023
गौरतलब है कि एक फरवरी 2023 को लोकसभा में बजट पेश किया जाएगा. बता दें, भू राजनीतिक तनाव और वैश्विक वित्तीय परिस्थितियों के कारण बीते महीने भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि के अनुमान को पहले के सात फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया था. वहीं अनुमान में आरबीआई ने 2022-23 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. तीसरी तिमाही में वृद्धि दर 4.4 फीसदी और चौथी तिमाही में वृद्धि दर 4.2 फीसदी रहने की संभावना जताई थी.
बता दें, चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि अनुमान को दिसंबर 2022 में तीसरी बार संशोधित किया गया. अप्रैल 2022 में केंद्रीय बैंक ने जीडीपी वृद्धि के अनुमान को 7.8 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया था वहीं पिछले वर्ष सितंबर में इसे और घटाकर सात फीसदी कर दिया गया था. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी भारत की वृद्धि के अनुमान को पहले के 7.4 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया था.
भाषा इनपुट से साभार
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