GDP: मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के खराब परफॉमेंस से दूसरी तिमाही में 5.4% पर आ गया जीडीपी ग्रोथ
GDP: एनएसओ की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान एग्रीकल्चर सेक्टर का परफॉर्मेंस काफी बेहतर रहा. जुलाई से सितंबर महीने के दौरान एग्रीकल्चर सेक्टर 3.5% की रफ्तार से बढ़ा.
GDP: मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के खराब परफॉर्मेंस की वजह से चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में देश के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) ग्रोथ घटकर 5.4% पर आ गया. शुक्रवार 29 नवंबर 2024 को सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में कहा गया है कि दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ गिरकर दो साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है. इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ सबसे निचले स्तर 4.3% था. हालांकि, भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहा. इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में चीन की जीडीपी ग्रोथ रेट 4.6% थी.
एग्रीक्ल्चर सेक्टर का बेहतरीन परफॉर्मेंस
नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (एनएसओ) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान एग्रीकल्चर सेक्टर का परफॉर्मेंस काफी बेहतर रहा. जुलाई से सितंबर महीने के दौरान एग्रीकल्चर सेक्टर 3.5% की रफ्तार से बढ़ा, जबकि एक साल पहले की दूसरी तिमाही में यह 1.7% की रफ्तार से बढ़ा था. पहली तिमाही में मैन्यूफैक्चर सेक्टर की ग्रोथ रेट गिरकर 2.2% रह गई, जबकि एक साल पहले इसमें 14.3% की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी.
इसे भी पढ़ें: आधा भारत नहीं जानता कि कितने पैसे में बनता है 1 वाला सिक्का, जान जाएगा तो खोल लेगा टकसाल
पहली छमाही में ग्रोथ रेट 6% रहने का अनुमान
एनएसओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े आने के साथ ही चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 6% रहने का अनुमान लगाया गया है. पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 8.2% पर थी. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.7% पर अपरिवर्तित रही थी.
इसे भी पढ़ें: गौतम अदाणी को बड़ी राहत, अमेरिकी आरोप के बावजूद कर्जदाताओं और निवेशकों ने नहीं की कार्रवाई
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.