नई दिल्ली : कोरोना महामारी से त्रस्त भारत की अर्थव्यवस्था अब पटरी पर लौटने लगी है. देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में 20.1 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई. कोरोना महामारी के इस दौर में एक साल पहले की पहली तिमाही के मुकाबले इस साल की पहली तिमाही की जीडीपी ग्रोथ रेट काफी ऊंची रही है.
मीडिया की खबरों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 कर अप्रैल-जून की पहली तिमाही की यह जीडीपी ग्रोथ 1990 से लेकर अब तक की किसी तिमाही में आई सबसे बड़ी ग्रोथ है. सरकार के पास 1990 से पहले के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, जीडीपी में पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में 24.4 फीसदी की गिरावट आई थी. सरकार ने पिछले साल कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए मार्च से मई के दौरान देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ लगाया था. इसके साथ ही, चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2021 की अप्रैल-जून तिमाही में 7.9 फीसदी रही है.
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विशेषज्ञों के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ अनुमान के मुताबिक रहा है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अपने एक पोल में जून 2021 तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 20 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, रियल ग्रॉस वैल्यू पहली तिमाही में 18.8 फीसदी बढ़ी. साल-दर-साल आधार पर इस तेजी की वजह ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशंस सर्विसेज में आई 68.3 फीसदी की ग्रोथ है. पिछले साल की इसी तिमाही में इन सेक्टर्स में बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी.
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