देश का राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (Government e-Market Place – GeM) ने वित्त वर्ष 2021-22 में एक लाख करोड़ रुपये का कारोबार किया. वर्ष 2017 से अब तक झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों ने GeM पोर्टल से 1,600 करोड़ रुपये से अधिक की खरीदारी की है. झारखंड की राजधानी रांची में गुरुवार को आयोजित जेम विक्रेता संवाद (GeM Seller Samvad) में GeM के निदेशक अमरदीप गुप्ता ने दी.
उन्होंने बताया कि जेम एक ऑनलाइन मार्केटप्लेस है. इसे 9 अगस्त 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लांच किया था. इस पोर्टल का मुख्य उद्देश्य देश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम व्यवसायियों को ऑनलाइन मार्केटप्लेस उपलब्ध करना है, जिससे वे सरकारी खरीदारी में भाग लेकर अपने व्यापार को बढ़ा सकें. जेम विक्रेताओं के साथ बातचीत करने और उन्हें नयी जेम सुविधाओं के बारे में जागरूक करने के लिए पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के सहयोग से ‘राष्ट्रीय विक्रेता संवाद’ के तहत रांची में जेम विक्रेता संवाद का आयोजन किया गया.
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इस अवसर पर अमरदीप गुप्ता ने कहा कि जेम को सार्वजनिक खरीद को पुनः परिभाषित करने के लिए जाना जाता है. यह सरकारी खरीदारों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा खरीद के तरीके में आमूल-चूल परिवर्तन लाने में सक्षम है. जेम संपर्कविहीन, पेपरलेस और कैशलेस प्लेटफॉर्म है. यह तीन स्तरों दक्षता, पारदर्शिता और समावेशिता पर खड़ा उतरता है.
उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 में जेम-पोर्टल के माध्यम से एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के ऑर्डर विभिन्न सरकारी विभागों की ओर से दिये गये. कुल मिलाकर, जेम ने अब तक 3.02 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का व्यापारिक लेन-देन किया है. श्री गुप्ता ने कहा कि जे के खरीदारों में केंद्र और राज्य सरकार के सभी विभाग, सहकारी समितियां और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम शामिल हैं.
इसके अलावा, एमएसएमई और स्वयं सहायता समूहों के लिए सहज ऑनबोर्डिंग अनुभव सुनिश्चित करने के लिए जेम पोर्टल पर विशेष प्रावधान किये गये हैं. गौरतलब है कि 62 हजार सरकारी खरीदार और 50.90 लाख विक्रेता और सेवा प्रदाता जेम पोर्टल पर पंजीकृत हैं. श्री गुप्ता ने जेम विक्रेताओं को आगे आकर अपने अनुभव साझा करने का अनुरोध किया.
झारखंड की महिला उद्यमी ममता प्रसाद ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने जेम पर अपना रजिस्ट्रेशन कोरोना काल में करवाया, जब विभागों में आने-जाने पर रोक थी. जेम प्लेटफॉर्म के माध्यम से न सिर्फ झारखंड बल्कि अन्य राज्यों, केंद्र के सरकारी विभागों द्वारा निकाली गयी निविदा में भाग लेना संभव हो पाया. उन्होंने बताया की अब तक वह 1 करोड़ रुपये से अधिक के ऑर्डर की सप्लाई कर चुकीं हैं.
प्रलाव इंटरप्राइजेज के प्रदीप कुमार गुप्ता ने कहा कि स्टार्टअप्स के लिए जेम पोर्टल अत्यंत सहायक है, क्योंकि इस पोर्टल के माध्यम से एक उच्च स्तर का मार्केट प्लेस मिल जाता है. प्रदीप ने बताया की जेम पोर्टल ने भारत सरकार की उन सारी नीतियों को समाहित किया है, जो स्टार्टअप एवं एमएसएमई को लाभ पहुंचाने के लिए बनायी गयी हैं, जैसे कि टर्नओवर एवं अनुभव जैसी शर्तों में छूट इत्यादि.
मुरलीधर श्रीवास्तव ने बताया कि जेम पोर्टल के कारण ही वो आज अपनी हाउसकीपिंग सेवाएं आईआईटी धनबाद जैसी प्रतिष्ठित संस्था को पहुंचा पा रहे हैं. अब वो राज्य के बाहर अपने व्यापार को जेम पोर्टल के माध्यम से बढ़ा पा रहे हैं. विक्रेता ने अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया की जेम पोर्टल के मध्यम से उनकी पहुंच केंद्र सरकार के विभागों तक हो गयी है. कहा कि जेम पोर्टल के आने से सरकारी खरीदारी में पारदर्शिता आयी है, यह प्रशंसनीय कदम है. जेम सेलर संवाद में जेम के क्षेत्रीय प्रबंधक ब्रजेश कुमार और पीआईबी रांची के कार्यालय प्रमुख ओंकार नाथ पाण्डेय भी उपस्थित थे.
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