पीएम मोदी से पंगा लेने वाले जॉर्ज सोरोस का बुरा हुआ हाल, दुनिया भर में बंद हो रहे दुकान, जानें पूरी कहानी

जॉर्ज सोरोस के सपोर्ट वाली संस्था ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (OSF) के दफ्तर अब दुनियाभर में बंद हो रहे हैं. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फाउंडेशंस अपने स्टॉफ की संख्या में 40 प्रतिशत तक की कटौती करने का प्लान बना रही है.

By Madhuresh Narayan | October 15, 2023 3:41 PM

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर टिप्पनी करने वाले अमेरिका के अरबपति कारोबारी जॉर्ज सोरोस (George Soros) परेशानी में घीरे दिख रहे हैं. उनके सपोर्ट वाली संस्था ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (OSF) के दफ्तर अब दुनियाभर में बंद हो रहे हैं. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फाउंडेशंस अपने स्टॉफ की संख्या में 40 प्रतिशत तक की कटौती करने का प्लान बना रही है. इसके साथ ही, अफ्रीका में करीब आधे दर्जन ऑफिस बंद हो रहे हैं. संस्थान आदिस अबाबा, कंपाला, केपटाउन, किंशासा, अबूजा, फ्रीटाउन, बाल्टीमोर और बार्सिलोना में भी ऑफिस बंद करने की योजना बना रही है. हालांकि, इस बारे में फाउंडेशन का कहना है कि छोटे ऑफिस चलाने के लिए बैंडविड्थ नहीं है. बड़ी बात ये है कि ऐसी स्थिति तब है जब, हाल ही में तीन वर्ष में दूसरी बार NGO का पूनर्गठन किया गया है. वर्तमान में संस्थान की कमान जार्ज सोरोस के 37 साल के बेटे एलेक्स सोरोस के हाथों में है. गौरतलब है कि जार्ज सोरोस की पहचान 92 वर्षीय एक ऐसे शख्स के रुप में की जाती है जो दुनिया के कई देशों के राजनीति और समाज को प्रभावित करने का एजेंडा चलाते हैं.

नरेंद्र मोदी के हैं धुर आलोचक

जार्ज सोरोस अमेरिका के अरबपति कारोबारी हैं. वो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़े आलोचकों में से एक हैं. देश के जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने और नागरिकता संसोधन कानून का भी खुलकर विरोध किया था. इसके साथ ही, इसी साल 16 फरवरी को म्यूनिख में हुए सुरक्षा सम्मेलन में बोलते हुए जॉर्ज सोरोस ने पीएम मोदी और भारतीय कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) को लेकर कड़ी टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा कि अडानी समूह के शेयर हेरफेर और उनके ढह जाने पर भारत के पीएम मोदी चुप हैं. लेकिन उन्हें विदेशी निवेशकों को और भारतीय संसद में जवाब देना होगा. उन्होंने दावा किया था कि अडानी समूह में हुई उथल-पुथल भारत में लोकतांत्र के पुन: उद्धार का दरवाजा खोल सकती है. जॉर्ज सोरोस के सपोर्स वाली संस्थान OCCRP ने हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट जारी की थी. हालांकि, मामले में अभी तक जांच भारतीय कोर्ट में चल रही है.

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कौन है जॉर्ज सोरोस

जॉर्ज सोरोस एक प्रमुख वित्तीय निवेशक, वित्तीय उपनिवेशक, और सामाजिक कार्यकर्ता हैं. वे हंगेरी के एक यहूदी परिवार में पैदा हुए थे और उनका जन्म 12 अगस्त 1930 को हुआ था. जॉर्ज सोरोस वित्तीय विश्व के बड़े निवेशकों में से एक हैं और उनका नाम वित्तीय बाजारों में अधिकतम प्रभाव डाला है. उनके द्वारा संचालित फाउंडेशन और संगठन विश्व भर में विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों में योगदान करते हैं. वे वित्तीय बाजारों में अपनी बड़ी उपस्थिति और अधिकतम धन कमाने के लिए प्रसिद्ध हैं. वे “क्वांटम फंड” (Quantum Fund) के संस्थापक थे, जिसके माध्यम से उन्होंने बहुत अधिक धन कमाया. उन्होंने “सोरोस फाउंडेशन” (Soros Foundation) जैसी अनेक अंतरराष्ट्रीय फिलैंथ्रोपिक संगठनों की स्थापना की है, जो शिक्षा, मानवाधिकार, और सामाजिक उन्नयन के क्षेत्र में कार्य करती हैं. उन्होंने “ओपन सोसाइटी” (Open Society) की स्थापना की है, जिसका उद्देश्य खुले समाज, गवर्नेंस, और मानवाधिकारों के प्रचार-प्रसार करना है. जॉर्ज सोरोस के वित्तीय दृष्टिकोण के बावजूद वे अक्सर अपने वित्तीय करियर के दौरान वित्तीय वितरण के समय की मांग करते हैं और यह सामाजिक योजनाओं का समर्थन करने के लिए धन देते हैं.

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