पीएम किसान के बाद किसानों को नई सौगात, Kisan Ki Baat करेंगे शिवराज सिंह चौहान

Kisan Ki Baat: केंद्रीय कृषि मंत्री किसानों को वैज्ञानिक लाभ तेजी से हस्तांतरित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि किसानों के पास अक्सर जानकारी का अभाव होता है, जिससे कीटनाशकों का दुरुपयोग होता है. हमें इस पर ध्यान देना चाहिए. 'किसान की बात' भारत के कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित करने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है.

By KumarVishwat Sen | August 16, 2024 9:43 AM
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Kisan Ki Baat: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान) के बाद केंद्र सरकार देश के लाखों किसानों को नई सौगात दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ मासिक रेडियो कार्यक्रम की तर्ज पर कृषि मंत्रालय ‘किसान की बात’ मासिक रेडियो कार्यक्रम शुरू करने जा रही है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले गुरुवार को ही इस बाबत ऐलान कर दिया है. सरकार देश के किसानों को मुफ्त में ही रेडियो के जरिए खेती-बाड़ी से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराएगी.

किसान की बात क्या है?

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया को दी गई जानकारी में कहा है कि किसानों को कृषि से जुड़ी वैज्ञानिक जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए सरकार मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘किसान की बात’ शुरू करेगी. इस पहल का उद्देश्य खेती-बड़ी की पद्धतियों का आधुनिकीकरण करना और किसानों को अत्याधुनिक वैज्ञानिक जानकारी से सशक्त बनाना है. इस कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक, विभाग के अधिकारी और खुद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल होंगे, जो सर्वोत्तम पद्धतियों और वैज्ञानिक प्रगति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देंगे.

भारत के कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित करने की योजना

उन्होंने किसानों को वैज्ञानिक लाभ तेजी से हस्तांतरित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि किसानों के पास अक्सर जानकारी का अभाव होता है, जिससे कीटनाशकों का दुरुपयोग होता है. हमें इस पर ध्यान देना चाहिए. ‘किसान की बात’ भारत के कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित करने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है. उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्रों को किसानों की जरूरतों के साथ एकीकृत करने और कृषिकर्मियों के बीच चर्चा को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया.

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विश्व की खाद्य टोकरी बनेगा भारत

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि हमारा लक्ष्य भारत को विश्व की खाद्य टोकरी में बदलना है. इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (एनपीएसएस) का भी शुभारंभ किया. उन्होंने किसानों को प्राथमिकता देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में किसानों को आमंत्रित नहीं करने की भूल की थी. इस कार्यक्रम में कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर और भागीरथ चौधरी के साथ-साथ आईसीएआर के महानिदेशक हिमांशु पाठक भी शामिल हुए.

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