Inflation: टमाटर-प्याज के बाद अदरक में लगी आग, वित्त मंत्रालय ने कहा नई फसल आने पर ही कम होगी महंगाई

Inflation: टमाटर और प्याज की कीमतों में तेजी के बाद अब अदरक का भाव गरम हो गया है. इसके साथ ही, हरी मिर्च और लहसुन की कीमतों में भी इजाफा हुआ है. बाजार में अदरक की कीमत 280 रुपये किलो तक पहुंच गयी है.

By Madhuresh Narayan | August 22, 2023 3:12 PM

Inflation: टमाटर और प्याज की कीमतों में तेजी के बाद अब अदरक का भाव गरम हो गया है. इसके साथ ही, हरी मिर्च और लहसुन की कीमतों में भी इजाफा हुआ है. बाजार में अदरक की कीमत 280 रुपये किलो तक पहुंच गयी है. पिछले सप्ताह जुलाई में बारिश से कई राज्यों में अदरक के उत्पादन पर बुरा असर पड़ा. व्यापारियों को पर्याप्त मात्रा में अदरक की आपूर्ति करना मुश्किल हो गया है. व्यापारियों की यह भी शिकायत है कि अदरक जल्दी खराब हो जाता है. अगर ठीक से भंडारण न किया जाए तो यह एक सप्ताह के भीतर ही खराब हो जाता है. नतीजा यह हुआ कि अदरक की कीमत में उछाल आ गया.

खुदरा व्यापारी बताते हैं कि हमने मई में थोक बाजार में अच्छी गुणवत्ता वाला अदरक 80 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचा. अब 250 रुपये प्रति किलोग्राम का भुगतान करने के बावजूद अब हमें समान गुणवत्ता वाला अदरक नहीं मिल पा रहा है. अदरक गीली परिस्थितियों में खराब हो जाता है और बारिश के मौसम में इसका उत्पादन आमतौर पर कम हो जाता है. कुछ ऐसी ही स्थिति बाजार में मिर्ची और लहसुन की भी है. हालांकि, बताया जा रहा है कि अगले महीने तक बाजार में मिर्ची की नयी फसल आनी शुरू हो जाएगी. जबकि, लहसुन की नयी फसल के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा.

वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि खाद्य पदार्थों में मुद्रास्फीति अस्थायी रहने की संभावना है क्योंकि सरकार के एहतियाती कदम और ताजा फसलों की आवक से कीमतें कम होंगी. हालांकि वैश्विक अनिश्चितता और घरेलू व्यवधान आगामी महीनों में मुद्रास्फीति के दबाव को बढ़ा सकते हैं. मंत्रालय ने जुलाई के लिए अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा कि आगे घरेलू खपत तथा निवेश की मांग से वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है. चालू वित्त वर्ष में सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय के लिए बढ़ाए गए प्रावधान से अब निजी निवेश में बढ़ोतरी हो रही है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई 2023 में 15 महीने के उच्चतम स्तर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई. हालांकि, मुख्य मुद्रास्फीति 39 महीने के निचले स्तर 4.9 प्रतिशत पर रही.

मंत्रालय ने कहा कि अनाज, दालों और सब्जियों की कीमत में जुलाई में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में दोहरे अंक की वृद्धि देखी गई. घरेलू उत्पादन में व्यवधान ने भी मुद्रास्फीति पर दबाव बढ़ा दिया. मासिक आर्थिक समीक्षा के अनुसार, सरकार ने खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए पहले से ही एहतियाती कदम उठाए हैं, जिससे ताजा भंडार की आवक के साथ बाजार में कीमतों का दबाव जल्द ही कम होने की संभावना है. खाद्य पदार्थों में कीमतों का दबाव अस्थायी रहने की उम्मीद है. मंत्रालय ने कहा कि टमाटर, हरी मिर्च, अदरक और लहसुन जैसी वस्तुओं की कीमतें 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ीं इसलिए कुछ विशिष्ट वस्तुओं की कीमतों में असामान्य वृद्धि के कारण जुलाई 2023 में खाद्य मुद्रास्फीति उच्च रही.

(भाषा इनपुट के साथ)

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version