Gold Bond Scheme: गोल्ड बॉन्ड निवेश क्यों है ज्यादा समझदारी, जानें 5 फायदे और क्या है सोने का भाव
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की दूसरी सीरीज सब्सक्रिप्शन के लिए 11 मई से ही खुल गई है. 15 मई तक निवेशक इसे सब्सक्राईव कर सकते हैं.
कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को लॉकडाउन कर दिया है. तमाम देशों की आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई है. शेयर मार्केट में गिरावट है. भारत में इसके व्यापक प्रभाव पड़े हैं. कोरोना के कारण छाई मंदी में सोना एक सुरक्षित निवेश के रूप में उभरा है. खुद भारत सरकार भी आकर्षक कीमतों पर सोने में निवेश का मौका दे रही है. ऐसे में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम निवेश का एक अच्छा मौका है. जी हां, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की दूसरी सीरीज सब्सक्रिप्शन के लिए 11 मई से ही खुल गई है. 15 मई तक निवेशक इसे सब्सक्राईव कर सकते हैं. आरबीआई ने दूसरी सीरीज में सोने का इश्यू प्राइस 4,590 रुपये प्रति ग्राम रखा है. ऑनलाइन पेमेंट करने वालों को प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट भी मिल रही है. फिलहाल देश में पीली धातु की मांग काफी बढ़ी हुई है. ऐसे में अगर आप भी गोल्ड पर निवेश करते हैं तो यह आपके लिए भी यह मुनाफे का सौदा होगा. हम बताते है की सोने पर निवेश क्यों सुरक्षित और किफ़ायती है.
निवेश का बेहतर मौका : सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर निवेश करने में 2.5 फीसदी ब्याज निवेश के बाद सोने के रेट बढ़ने के फायदे मिलते हैं. साथ ही सालाना 2.5 फीसदी ब्याज भी मिलता है. जो निवेशक के बैंक खाते में हर 6 महीने पर जमा किया जाता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का मेच्योरिटी पीरियड 8 साल है. लेकिन अगर आप चाहें तो 5 साल, 6 साल और 7 साल के बाद भी इसे बेच सकते हैं.
प्रमाणित होता है सोना : सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कीमत आइबीजेए के प्रकाशित 24 कैरेट सोने के दाम से लिंक होता है. ऐसे में सोने की गुणवत्ता लेकर किसी भी तरह का संशय नहीं रहता. 24 कैरेट का खरा सोना मिलता है.
अतिरिक्त खर्च नहीं: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश से आप कई तरह की परेशानी से स्वतः ही बच जाते हैं. सोने की सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नही होती. आम तौर पर लोग सोना को बैंक के लॉकर में रखते हैं जिसका अलग से चार्ज देना पड़ता है. लेकिन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने पर इस झंझट से बचा जा सकता है.
ब्याज के रूप होती है अतिरिक्त आमदनी : सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर निवेश करने में 2.5 फीसदी ब्याज निवेश के बाद सोने के रेट बढ़ने के फायदे मिलते हैं. साथ ही सालाना 2.5 फीसदी ब्याज भी मिलता है. जो निवेशक के बैंक खाते में हर 6 महीने पर जमा किया जाता है. ब्याज की अंतिम किस्त मूलधन के साथ मेच्योरिटी पर दे दी जाती है.
बिक्री पर नहीं कटते पैसे, नहीं देना होता टैक्स : अगर आप सोना बेचने जाते हैं तो उसका मेकिंग चार्जे काट दिया जाता है. जिससे आपको कम पैसे मिलते हैं. सोवरेन गोल्ड बॉन्ड में अगर आप बॉन्ड बेचते हैं तो आपको पूरे पैसे मिलते हैं. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के मेच्योरिटी तक होल्ड करने के जब आप इसे भुनाते हैं तो जो पैसे मिलते हैं उसपर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता.
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