Gold ETF: महंगाई और शेयर बाजार में तेजी के असर से गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold ETF Funds) में वर्ष 2021 में निवेश घटा था, लेकिन इससे बाजार खुश है. वर्ष 2020 की तुलना में कम निवेश के बावजूद बाजार को उम्मीद है कि वर्ष 2022 में गोल्ड ईटीएफ के प्रति निवेशक फिर से आकर्षित होंगे.
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से पता चला है कि बीते साल यानी वर्ष 2021 में गोल्ड ईटीएफ को 4,814 करोड़ रुपये का निवेश मिला है. हालांकि, इस वर्ष गोल्ड ईटीएफ में निवेश का प्रवाह वर्ष 2020 के 6,657 करोड़ रुपये से कम रहा.
वैश्विक पुनरोद्धार और बेहतर निवेशक धारणा से महामारी के साल यानी वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में गोल्ड ईटीएफ के प्रवाह में गिरावट आयी है. क्वांटम म्यूचुअल फंड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जिमी पटेल ने कहा कि महंगाई और फेडरल रिजर्व के रुख की वजह से 2022 में भी गोल्ड ईटीएफ का आकर्षण कायम रहने की उम्मीद है.
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उन्होंने कहा, ‘हालांकि, अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा मौद्रिक नीति को कड़ा करने से डॉलर और अमेरिका में बांड पर प्रतिफल बढ़ेगा, जो सोने (Gold) के लिए बाधक हो सकता है.’ जिमी पटेल ने कहा कि वर्ष 2020 में गोल्ड ईटीएफ में निवेश का प्रवाह बढ़ने की प्रमुख वजह कोविड-19 महामारी थी.
इसके अलावा मौद्रिक रुख में नरमी और वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में कमी से भी सोने में निवेश फायदे का सौदा था. मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि गोल्ड ईटीएफ पूरे साल निवेशकों को आकर्षित करता रहा. यहां तक कि शेयरों में उछाल के बावजूद इसका आकर्षण कायम रहा.
बीते साल सिर्फ जुलाई महीने में गोल्ड ईटीएफ से निकासी देखने को मिली. जुलाई में निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ से 61.5 करोड़ रुपये निकाले. निवेश के प्रवाह के बीच दिसंबर, 2021 तक स्वर्ण कोषों के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां 30 प्रतिशत बढ़कर 18,405 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी, जो एक साल पहले 14,174 करोड़ रुपये पर थी.
Posted By: Mithilesh Jha
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