सोने की चमक दोबारा लौट रही है. इसकी कीमतों में लगभग 20 फीसद की बढोतरी हुई है. बुधवार को 154 रुपये की तेजी के साथ दोपहर में यह 159 रुपये यानी 0.36 फीसदी की तेजी के साथ 44805 रुपये पर रहा. सुबह इसने 44784 रुपये का न्यूनतम और 44879 रुपये का अधिकतम स्तर पार कर लिया था. जून डिलीवरी वाला सोना भी 182 रुपये की तेजी के साथ 45204 रुपये पर है . सोना 116 रुपये चढ़कर 44,374 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया। पिछले सत्र में सोना 44,258 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ था.
सोने की कीमत में आयी बढोतरी के बाद. लोगों के मन में सवाल है कि सोना खरीदने का बेहतर वक्त कब है अभी खरीदना चाहिए या इंतडजार करना चाहिए. आइये समझते हैं कि मौजूदा स्थिति क्या है और इस स्थिति का सोना की कीमत पर कितना असर पड़ेगा. सोने में आने वाले सकारात्मक और नकारात्मक असर को समझते हैं.
कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के बाद लोगों ने सोना में निवेश शुरू किया. दोबारा कई देशों में संक्रमण के मामले सामने आये तो सुरक्षा के लिहाज से लॉकडाउन लगाया गया है. देश के कई राज्यों में बढ़ते मामले के बाद लॉकडाउन लगाया गया है. संक्रमण के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर व्यापारियों को चिंता में डाल दिया है. वैक्सीन को लेकर अब भी कई सवाल हैं इसके ज्यादा से ज्यादा उत्पाद करने को लेकर सवाल हैं, कई राज्य लगातार वैक्सीन की मांग कर रहे हैं. लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले कोरोना की नयी स्ट्रेन पूरी दुनिया में फैल रही है.
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कई देशों के आर्थिक आंकड़े सामने आ रहे हैं जिसमें जिसमें रोजगार , विनिर्माण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान दिया जा रहा है. फिजिकल डिमांड में बढ़ोतरी हुई है इसकी कम कीमत की वजह से यह स्टील की कीमत को सहयोग कर रहा है. मिडिल ईस्ट को लेकर अभी भी तनाव कायम है जिसकी वजह से बाजार पर असर पड़ रहा है. करोड़पतियों के लिए कम ब्याज दर पर लोग ने बेहतर मौका दिया है. कोरोना संक्रमण की वजह से बाजार पर असर पड़ा है संभव है कि इसका असर और पड़े और बढ़ रहा घाटा और बढ़े
वैक्सीन संक्रमण से बाहर निकलने और कोरोना वैक्सीन की वजह से सकारात्मक उम्मीद पैदा हुई है. संक्रमण की वजह से सकारात्मक व्यापारिक माहौल करोड़पतियों पर भी असर डाल रहा है . डॉलर की लगातार बनी मजबूत भी असर डाल रही है
आर्थिक विशेषज्ञ यह उम्मीद कर रहे हैं कि स्टील की कीमत में आ रहा सकारात्मक बदलाव जारी रहेगा. कोरोना संक्रमण की वजह से केंद्रीय बैंक बाजार में आर्थिक मजबूती के लिए लगातार सहयोग कर रहे हैं. संभव है कि इस वजह से भी स्टील की कीमतों में इस वजह से भी बढोतरी आयेगी. दुनिया में चल रही परेशानियां जो राजनीतिक हैं वो भी अर्थव्यस्था पर असर डाल रही है इनमें अमेरिका और चीन के बाद के रिश्ते मायने रखते हैं.
अमेरिका के नये राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कई वादे किये हैं , उनके वादे देश में आर्थिक व्यस्था पर असर डालेंगे उन्होने भी देश में ग्रीन टेक्नोलॉजी को बढ़ाने के लिए पैसे दिये हैं जो सोना और चांदी की कीमतों को सहयोग करेगे . बाजार को एक बार फिर स्थिर होने में स्टील अहम भूमिका निभायेगा, बाजार में दबाव रहेगा यह मौका निवेशकों के लिए बेहतर होगा और बाजार की यह स्थिति उनके लिए सुनहरा अवसर साबित हो सकता है. अगर साल 2021 के बचे हुए महीनों पर असर डाले तो बाजार में बेहतरी की उम्मीद की जा सकती है अगले 12 महीनो में इसमें 25 फीसद का विस्तार हो सकता है.
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अगर भारतीय बाजारों पर नजर डालें तो साल 2018 की तीमाही में 31 हजार के आंकड़े पर था इसके बाद 56000 रुपये के करीब का लक्ष्य प्राप्त किया. साल 2020 में इसमें 24 फीसद की गिरावट देखी गयी अब कीमतों में सुधार देखा जा रहा है. सोने के आयात में 2020-21 में 11 महीने में 3.3 से घटकर 26.11 अरब डॉलर रह गया है. आंकड़े बताते हैं कि सोने के आयात में आयी कमी से देश के आर्थिक घाटे को निपटने में मदद मिली है.
ग्लोबल वेल्थ मैनेजर क्रेडिट सुइस ने बताया है कि अमेरिका में ट्रेजरी यील्ड में तेजी और डॉलर के फिर से मजबूत होने से सोने की कीमतों में आगे गिरावट आने की संभावना है. आर्थिक विकास में बढोतरी की उम्मीद से सोना अपनी चमक खो सकता है. यूएस ट्रेजरी यील्ड में तेजी और अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से भी सोने की कीमत प्रभावित हुई.
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