गोल्ड लोन आपकी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है. चाहे बिजनेस के लिए पैसे की जरूरत हो, अचानक से होने वाले खर्च हों या मेडिकल इमर्जेंसी जैसे हालात में आपको इससे मदद मिलती है. मौजूदा वक्त में सोने की कीमत आसमान छू रही है. दरअसल, कोरोना के कारण जबरदस्त आर्थिक संकट के इस दौर में बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां गई हैं. लोग कैश की कमी की वजह से गोल्ड गिरवी रख कर लोन ले रहे हैं. यूं कहें कि मध्यम आय वर्ग के लिए गोल्ड सबसे बड़ा सहारा बना है. जब भी गोल्ड लेने के बारे में सोचा जाता है तो जेहन में ये ख्याल आता है कि बैंक से लें या एनबीएफसी कंपनियों से ?
हम कहां से गोल्ड लोन लें कि हमें ज्यादा से ज्यादा फायदा हो. इसके लिए ऐसे कई कारक हैं जिस पर विचार जरूरी है. जैसे हमारा सोना कहां सबसे ज्यादा सुरक्षित है, कहां सबसे ज्यादा ब्याज मिल रहा है इत्यादि. ऐसे में मुश्किल ये है कि करीब करीब बैंक और एनबीएफसी कंपनियों का डील एक ही तरह का होता है. ऐसे हालात में हम अपने लिए सबसे फायदेमंद गोल्ड लोन कहां से लें, इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों पर गौर करना जरूरी है. आइए समझें
कोई भी लोन लेने से पहले ये जरूर जांचना चाहिए कि ब्याज दर क्या है. ब्याज दर इस बात पर निर्भर करता है कि लेंडर को फंड इकट्ठा करने में कितना खर्च लगता है. बड़े जमाकर्ता अमूमन एनबीएफसी कंपनियों के के पास नहीं पहुंचते हैं, ऐसे में उनका ब्याज दर बैंक के मुकाबले ज्यादा होता है. टीओआई के मुताबिक, गोल्ड लोन के लिए एनबीएफसी 24-29 फीसदी तक ब्याज दर वसूल करते हैं, जबकि एचडीएफसी बैंक 11-16 फीसदी तक चार्ज करता है. अगर आप पहले से एचडीएफसी के ग्राहकहैं तो बैंक आपको थोड़ी और छूट देता है.
इस मामले में बैंक और एनबीएफसी दोनों अच्छी सुविधा दे रहे हैं. लोन रीपेमेंट के लिए मुख्य रूप से तीन विकल्प होते हैं. पहला तो ईएमआई. टर्म लोन के लिए ईएमआई हर महीने जमा करना पड़ता है. रेग्युलर रीपेमेंट शेड्यूल में मुलधन और ब्याज दोनों कवर होता है. दूसरा अपफ्रंट इंट्रेस्ट- इसके तहत ब्याज हर महीने जमा करना पड़ता है और लोन अवधि समाप्त होने पर एक साथ मुलधन जमा करना पड़ता है. और तीसरा है बुलेट पेमेंट. इसके तहत ब्याज और मुलधन दोनों एकसाथ लोन मैच्योर होने पर जमा करना पड़ता है.
इसके तहत ब्याज का कैलकुलेशन हर महीने होता है, लेकिन पेमेंट एकसाथ अवधि खत्म होने पर करना पड़ता है. ज्यादातर मामलों में ये ग्राहक तय करते हैं कि वो रीपेंमेंट कैसे करेंगे. आप अगर एचडीएफसी बैंक से गोल्ड लोन लेते हैं तो बैंक ओवरड्रॉफ्ट की भी सुविधा देता है. इसका मतलब ये कि इसके तहत आपको उतनी ही राशि पर ब्याज जमा करना होगा, जितना आपने खाते से इस्तेमाल किया है. इसके अलावा लोन टॉप-अप और रीन्यू की भी सुविधा मिलती है. कुल मिलाकर आप अपनी वर्तमान और भविष्य में होने वाली आय के आधार पर अपनी सुविधा अनुसार कोई भी रीपेमेंट ऑप्शन चुन सकते हैं.
कई बार गोल्ड लोन लेने के दौरान आपको पता नहीं होता है कि कुछ ऐसी फीस होती हैं, जो छिपी हुई होती हैं. ऐसे में सभी नियम व शर्तों के बारे में जानना जरूरी है, जिससे आपको अचानक से किसी फीस के बारे में पता नहीं चले. ग्राहकों को इस मामले में पारदर्शिता पसंद है. एचडीएफसी बैंक ग्राहकों से कुछ नहीं छिपाता है और हर तरह की फीस की जानकारी पहले ही दी जाती है.
ये आपको तय करना है कि लोन कम समय के लिए चाहिए या ज्यादा समय के लिए. गोल्ड लोन आपको तुरंत लिक्विड कैश उपलब्ध करा सकता है. एनबीएफसी के मुकाबले बैंक 50 फीसदी ज्यादा समय के लिए लोन ऑफर करते हैं. जैसे आप एचडीएफसी बैंक से 3 से 24 महीने के लिए गोल्ड लोन ले सकते हैं. लोन की अवधि बढ़ने पर ईएमआई की राशि घट जाती है, जिससे आप पर वित्तीय बोझ ज्यादा नहीं बढ़ता है.
इसका मतलब होता है कि आप के गोल्ड के मुकाबले कितना लोन मिल सकता है. कीमत में होने वाले बदलाव से लोन की राशि पर ज्यादा असर नहीं होता है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने गोल्ड लोन के लिए लोन टू वैल्यू 75 फीसदी तय कर दिया है. इसका मतलब, पांच लाख का सोना जमा करने पर आपको अधिकतम 3.75 लाख तक का लोन मिल सकता है. ब्याज के आधार पर तुलना करें तो एनबीएफसी के मुकाबले बैंक को कम ब्याज जमा करना होता है. यह आपके बजट में ही होता है.
अन्य तरह के लोन जैसे पर्सनल लोन के मुकाबले गोल्ड लोन लेना ज्यादा आसान होता है. गोल्ड लोन की प्रक्रिया ज्यादा तेज और आसान है, क्योंकि इसमें लोन लेने वालों का क्रेडिट स्कोर और इनकम प्रूफ नहीं देखा जाता है. इसलिए बैंक और एनबीएफसी गोल्ड लोन एक दिन या कुछ घंटों के भीतर जारी कर देते हैं. एचडीएफसी बैंक तो सुपर क्विक लोन की सुविधा भी देता है, जिसमें गोल्ड लोन 45 मिनट के भीतर मिल जाता है.
लोन लेने के दौरान कस्टमर सर्विस बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. लोन लेने वालों को कभी-कभी बहुत जल्दबाजी होती है. ऐसे में उनकी समस्या का जल्द से जल्द निदान होना जरूरी है. इस काम के लिए ज्यादातर एनबीएफसी का अपना कस्टमर हेल्पलाइन नंबर होता है. कुछ हेल्पलाइन नंबर केवल ऑफिस वर्किंग टाइम में ही काम करते हैं. लेकिन एचडीएफसी बैंक अपने कस्टमर के लिए हर समय कस्टमर सर्विस उपलब्ध करवाता है.
Posted By: Utpal kant
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