चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह अप्रैल-अक्टूबर के दौरान सोने का आयात (gold ) 47.42 प्रतिशत घटकर 9.28 अरब डॉलर रह गया. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. सोने का आयात चालू खाते के घाटे (कैड) को प्रभावित करता है. कोविड-19 महामारी की वजह से सोने की मांग (gold imports down ) बुरी तरह प्रभावित हुई है, जिससे पीली धातु के आयात में भी भारी गिरावट आई है. सोने के आयात में गिरावट से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
व्यापार घाटे में कमी : इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में सोने का आयात 17.64 अरब डॉलर रहा था. हालांकि, अक्टूबर में सोने का आयात 36 प्रतिशत बढ़ा है. अप्रैल-अक्टूबर के दौरान चांदी का आयात भी 64.65 प्रतिशत घटकर 74.2 करोड़ डॉलर रह गया. सोने और चांदी के आयात में गिरावट से देश के व्यापार घाटे में भी कमी आई है. आयात और निर्यात का अंतर व्यापार घाटा होता है.
व्यापार घाटा घटकर 32.16 अरब डॉलर रह गया : अप्रैल-अक्टूबर में व्यापार घाटा घटकर 32.16 अरब डॉलर रह गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 100.67 अरब डॉलर था. भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है. मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए सोने का आयात किया जाता है. भारत सालाना 800 से 900 टन सोने का आयात करता है. चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह में रत्न एवं आभूषणों का निर्यात 49.5 प्रतिशत घटकर 11.61 अरब डॉलर रह गया.
सोने की मांग में सुधार होगा: इधर वित्तीय सेवा एवं बाजार अनुसंधान फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल सर्विसेज के अनुसार तो केंद्रीय बैंकों की ब्याज सस्ता रखने की नीति और भारत में परम्परा गत खरीद के मौसम के मद्देनज इस कैंलेंर वर्ष चौथी तिमाही में सोने की मांग में सुधार होगा. फर्म में अपनी एक ताजा रपट में सोने को दीर्घकालिक दृष्टि से निवेश के लिए अच्छा विकल्प बताया है. फर्म द्वारा जारी एक रपट के मुताबिक पिछले एक दशक में भारत में सोने ने 159 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, जबकि घरेलू शेयर सूचकांक निफ्टी ने इस दौरान 93 प्रतिशत का रिटर्न दिया.
Also Read: Gold Price Forecast : अब सोने की कीमत होगी 65000 रुपये के पार! घर में है शादी तो जानें ये बात
65-67 हजार रुपये प्रति दस ग्राम तक सोने का भाव: रिपोर्ट में कहा गया है कि सोने का भाव लंबी अवधि में 65-67 हजार रुपये प्रति दस ग्राम तक जा सकता है. सोने की मांग तीसरी तिमाही में 30 प्रतिशत गिरने के बाद चौथी तिमाही में वापस बढ़ने की संभावना है, क्योंकि इस दौरान आभूषणों की खरीदारी में तेजी आएगी.
Posted By : Amitabh Kumar
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.