हाईलाइट्स
Gold Rate: अगर आप पैसे बचाने और स्मार्टली ग्रो करने के तरीके ढूंढ रहे हों, तो गोल्ड और सिल्वर से बेहतर क्या हो सकता है? फ्यूचर-फोकस्ड प्लानिंग और कीमती मेटल्स आपको बंपर रिटर्न देने वाले हैं. तो, राइट टाइम का वेट मत करें. बस, आपको सही मूव करने की जरूरत है. अभी आपके पास गोल्ड की ओर मूव करने का राइट टाइम है. ज्वेलरी सेलर्स की ओर से कंटीन्यूअस बाईंग करने और डॉलर के मुकाबले रुपये के डिक्लाइन होने पर दिल्ली के बुलियन मार्केट में फ्राईडे 27 दिसंबर 2024 को गोल्ड प्राइस 350 रुपये जंप करके 79,200 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया.
गोल्ड-सिल्वर खरीदना क्यों है बड़ा डील?
- डिजिटल गोल्ड का क्रेज: पुरानी पीढ़ियों की तरह सोने को अब बक्से में संभालकर रखने का झंझट नहीं है. आपके लिए डिजिटल गोल्ड और ईटीएफ बेस्ट ऑप्शन है.
- चांदी टेक फ्यूचर: सिल्वर सिर्फ गहनों के लिए नहीं, बल्कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों और सोलर पैनल्स में भी यूज होती है.
- इंफ्लेशन प्रूफ: सोना हमेशा मुश्किल वक्त में आपकी मदद करता है. इसका मतलब यह है कि ये एकदम स्मार्ट मनी मूव है.
गोल्ड लवर को क्या करना चाहिए?
- शॉर्ट-टर्म के लिए चांदी खरीद सकते हैं, क्योंकि इसकी डिमांड अभी उफान पर है.
- लॉन्ग-टर्म में गोल्ड में इन्वेस्ट करना चाहिए. यह आपकी चॉइस पर डिपेंड करता है कि डिजिटल या फिजिकल गोल्ड में इन्वेस्ट करेंगे
- और हां, ज्वेलरी के लिए तब तक वेट करना चाहिए, जब तक दाम थोड़ा शांत न हो जाए.
क्यों बढ़ा गोल्ड प्राइस
ऑल इंडिया बुलियन एसोसिएशन (एआईबीए) ने बताया कि रूस-यूक्रेन वार और वेस्ट एशिया में टेंशन की वजह से ग्लोबल लेवल पर भी टेंशन बढ़ा हुआ है और इसी कारण इन्वेस्टर्स सेफ इन्वेस्टमेंट करने के लिए गोल्ड की ओर मूव कर रहे हैं. दिल्ली के बुलियन मार्केट में गोल्ड प्राइस 79,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल तक पहुंच गया है. इससे पहले, 26 दिसंबर को यह 78,850 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था.
क्या है सिल्वर का रेट
दिल्ली के बुलियन मार्केट में सिल्वर की रेट के बारे में बात करें, सिल्वर प्राइस लगातार चौथे दिन भी हाई पर रहा. फ्राईडे 27 दिसंबर को इसका प्राइस 900 रुपये भागकर 91,700 रुपये केजी के लेवल पर पहुंच गया. इस पूरे वीक में सिल्वर के रेट की बात करें, तो फाइव डे की ट्रेंडिंग में सिल्वर की रेट 3,550 रुपये भाग गई.
रुपये के गिरने बढ़ी गोल्ड की डिमांड
गोल्ड-सिल्वर की ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर्स का कहना है कि रुपये के गिरने से गोल्ड की डिमांड बढ़ी है. दो साल में पहली बार रुपये में रिकॉर्ड गिरावट आई और यह डॉलर के मुकाबले सबसे लोअर लेवल 85.80 प्रति डॉलर पर पहुंच गया. आरबीआई की ओर से इंटरफेयर करने के बाद रुपये की गिरावट पर ब्रेक लगा, वरना ये और गिरता.
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गोल्ड की ओर फास्टली मूव कर रहे इन्वेस्टर्स
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के कमोडिटी रिसर्च विश्लेषक मानव मोदी ने कहा कि इंटरनेशनल लेवल पर फ्राईडे को क्रिसमस की हॉलिडे के बाद ट्रेडिंग कम हुई, जिसके चलते गोल्ड रेट टूट गई. इसका कारण जनवरी में न्यूली इलेक्टेड अमेरिकन प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से चार्ज ले लेने के बाद ड्यूटी रेट और टैक्स में बदलाव के साथ-साथ मेन पॉलिसियों में भी बदलाव होने की संभावना है. इसके चलते भी इन्वेस्टर्स गोल्ड में इन्वेस्ट करने के लिए फास्टली मूव कर रहे हैं.
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