gold rate bright in 2020, golden chance invest in sona कोविड-19 महामारी के चलते दुनियाभर के बाजारों की तरह भारत में सोने की कीमतें अपने ऐतिहासिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी थीं और गिरावट के एक छोटे से दौर के बाद वे फिर उसी स्तर के आसपास आ गयी हैं. अमेरिकी और चीन के बीच व्यापार संबंधी नये तनावों, कोरोना वायरस महामारी को लेकर अनिश्चितताओं और महामंदी की चिंताओं के बीच प्रोत्साहन पैकेजों की घोषणाओं जैसे कारकों ने सबसे सुरक्षित निवेश माने जानेवाले सोने की मांग को उच्चतर स्तर पर बनाये रखा है.
जहां तक भारत का सवाल है, कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों, लॉकडाउन को और दो हफ्तों के लिए आगे बढ़ाने के ऐलान के कारण घरेलू बाजार में भी कम जोखिम वाले सोने की मजबूत मांग बरकरार है. केंद्रीय बैंकों द्वारा लिक्विडिटी बढ़ाने और अमेरिकी अर्थव्यवस्था की कमजोरी की तरफ इशारा करनेवाले आंकड़ों ने भी सोने की मांग में भूमिका अदा की है.
पिछले पांच वर्षों में सोने ने सालाना 20 फीसदी का रिटर्न दिया है. पिछले साल 25 फीसदी का रिटर्न दिया था, जो 2011 के बाद से सबसे ज्यादा बढ़ोतरी थी. इस साल हमने सोने को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचते देखा. 2020 के बचे हुए महीनों में भी सोने की कीमतों के उच्च स्तर पर बने रहने की उम्मीद कर सकते हैं. हालांकि इसमें उतनी तेजी शायद न देखने को मिले, जो अभी तक देखी गयी है. जनवरी, 2020 से ही सोने की कीमतें आसमान को छू रही हैं. इसलिए जिन निवेशकों के पोर्टफोलियो में सोना है, उन्हें सोने की बढ़ती कीमतों का फायदा मिलने की संभावना है.
क्या 50,000 पर पहुंचेगी सोने की कीमत? : सोने की कीमतों में इस साल तेज उछाल देखने को मिला है और मेरा अनुमान है कि आनेवाले समय में यह 50,000 के जादुई आंकड़े को पार कर जायेगा. मार्च महीने में कोरोना वायरस की चिंताओं के चलते बाकी बाजार के साथ-साथ सोने की कीमतें भी गिरी थीं, लेकिन गिरावट के एक छोटे से दौर के बाद सोने की कीमतों ने जबर्दस्त वापसी की है. फिलहाल यह 46,700 के आसपास ट्रेंड कर रहा है, जो कि इसी महीने हासिल किये गये उच्चतम स्तर के लगभग बराबर ही है.
संकट के समय में सोने को निवेश का सुरक्षित विकल्प माना जाता रहा है. 2008 की आर्थिक मंदी के दौरान भी सोने पर निवेशकों ने अपना भरोसा जताया था. इस वर्ष सोने का मजबूत प्रदर्शन स्टॉक मार्केट के ट्रेंड के ठीक उलट रहा है. 2020 में सोने की कीमतों में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है. जबकि इक्विटी में 20 फीसदी की कमी आयी है. वैश्विक महामारी के मद्देनजर लागू की गयी मौद्रिक नीतियों ने भी सोने की कीमतों को और ऊपर ले जाने का काम किया है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर को घटाकर शून्य कर दिया है और निकट भविष्य में इसके इसी स्तर पर बने रहने की उम्मीद है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन ने और भी मौद्रिक प्रोत्साहनों की ओर इशारा किया है, जो आखिरकार डॉलर को कमजोर करेगा. इससे सोने में मजबूती आयेगी.
अजय सुरेश केडिया, निदेशक, केडिया एडवाइजरी
(प्रस्तुति : प्रीति सिंह परिहार)
Posted By : Sumit Kumar Verma
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