Gold Rate Today: ग्लोबल मार्केट के साथ-साथ भारत में भी सोने की कीमतों (Gold Rate) में गिरावट जारी है. सोना में निवेश की इच्छा रखने वाले लोग ओमिक्रॉन वैरिएंट के प्रोग्रेस पर नजर गड़ाये हुए हैं. मार्केट एक्सपर्ट की भी सलाह है कि अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं, तो कुछ समय तक इंतजार करें. ओमिक्रॉन वैरिएंट तेजी से फैलने लगा है. अगर पिछले साल की तरह इस साल भी कोरोना की स्थिति बिगड़ी और सरकारों ने लॉकडाउन लगाना शुरू किया, तो शेयर बाजार टूटेगा.
ऐसे में गोल्ड में निवेश सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित होने वाला है. यही वजह है कि निवेशक अभी इंतजार कर रहे हैं. इस सप्ताह निवेशकों की नजर अमेरिकी जॉब डेटा पर भी रहेगी. ग्लोबल मार्केट में पीली धातु की कीमतों (Gold Rate Today) में गिरावट आयी है, तो वर्ष 2022 के पहले कारोबारी दिन सोने की कीमतों में भारी उठापटक दिखी. चांदी की कीमतें (Silver Rate) भी कम हुईं.
एमसीएक्स गोल्ड फ्यूचर (Gold Future) 0.04 फीसदी की गिरावट के साथ 48,082 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रहा, जबकि चांदी 0.3 फीसदी गिरकर 62,480 प्रति किलो पर आ गयी थी. हाजिर बाजार की बात करें, तो सोना 0.3 फीसदी गिरकर 1,823 डॉलर प्रति औंस तक आ गया. वहीं, चांदी 23.27 डॉलर प्रति औंस पर सपाट रही.
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बता दें कि वर्ष 2021 में सोने (Gold Price) में पिछले 6 साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी. पिछली बार वर्ष 2015 में ऐसी गिरावट देखी गयी थी. ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमतों में वर्ष 2021 में 3.6 फीसदी की बड़ी गिरावट आयी. कोरोना की वजह से सरकार और केंद्रीय बैंक ने कई रियायतें दी थीं. जब सब कुछ सामान्य होने लगा, तो केंद्रीय बैंक ने उन रियायतों को धीरे-धीरे खत्म करना शुरू किया. इसका असर सोने की कीमतों पर पड़ा है.
बाजार विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर ब्याज दरों में कटौती की जाती है, तो सोने में निवेश आकर्षक हो जाता है. जैसे-जैसे ब्याज दरें बढ़ेंगी, सोना पर दबाव भी बढ़ता जायेगा. वर्ष 2022 के पहले दिन गिरावट का रुख देखने वाले सोना का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि ब्याज दरें किस स्तर पर होंगी. महंगाई भी गोल्ड को प्रभावित कर सकता है.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज (Geojit Financial Services) ने एक नोट जारी किया है, जिसमें उसने कहा है कि जब तक सोना 1820 डॉलर के ऊपर बना रहेगा, तब तक इसमें हल्के पॉजिटीव रुझान के साथ कारोबार होता रहेगा. अगर गोल्ड 1790 डॉलर से फिसला, तो यह और कमजोर हो जायेगा. चांदी अगर 21.20 डॉलर के अपने सपोर्ट के नीचे जाती है, तो शॉर्ट टर्म में इसमें और गिरावट दर्ज की जायेगी.
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ज्ञात हो कि वर्ष 2020 में कोरोना ने जब दुनिया भर में तबाही मचा रखी थी, तब सोना ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया था. जैसे-जैसे कारोबारी गतिविधियां शुरू हुईं, लॉकडाउन खत्म होने लगे, गोल्ड की चमक फीकी पड़ने लगी. हालात सुधरे, तो लोग सोना में निवेश करने की बजाय फिर इक्विटी की ओर लौट आये. असर यह हुआ कि सोने की कीमतों में गिरावट शुरू हो गयी.
Posted By: Mithilesh Jha
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