शादी के सीजन में डंका बजा रहा सोना, खरमास शुरू होने से पहले चांदी उछली
Gold: एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटी के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘शुक्रवार को सोने में मामूली कारोबार हुआ. सुरक्षित निवेश के लिए खरीदारी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से दिसंबर की बैठक में ब्याज दर में कटौती जारी रखने की संभावना के कारण इसमें तेजी आई.
Gold: शादी के सीजन में बहुमूल्य पीली धातु सोना अपना डंका बजा रहा है और खरमास शुरू होने से पहले चांदी उछल गई है. 15 दिसंबर 2024 से खरमास की शुरुआत हो जाएगी. इससे पहले, शादी का लग्न भरपूर है, जिसमें सोने-चांदी के गहनों की खरीदारी बढ़ जाती है. ऑल इंडिया बुलियन एसोसिएशन (एआईबीए) की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, विदेशी बाजारों में मजबूत रुख और घरेलू आभूषण विक्रेताओं की खरीदारी बढ़ने से शुक्रवार 29 नवंबर 2024 को दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 700 रुपये की तेजी के साथ 79,400 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई. गुरुवार को 99.9% शुद्धता वाले सोने की कीमत 78,700 रुपये प्रति 10 ग्राम थी. चांदी की कीमत भी 1,300 रुपये उछलकर 92,200 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई. गुरुवार को चांदी 4,900 रुपये टूटकर 90,900 रुपये प्रति किलोग्राम पर थी.
सर्राफा बाजार में सोने का कारोबार घटा
एलकेपी सिक्योरिटीज में कमोडिटी एंड करेंसी के शोध विश्लेषक उपाध्यक्ष जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘वर्तमान भू-राजनीतिक चिंताओं के बीच सुरक्षित निवेश की मांग के कारण एमसीएक्स पर सोने में सकारात्मक कारोबार हुआ.’’ एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटी के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘शुक्रवार को सोने में मामूली कारोबार हुआ. सुरक्षित निवेश के लिए खरीदारी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से दिसंबर की बैठक में ब्याज दर में कटौती जारी रखने की संभावना के कारण इसमें तेजी आई. हालांकि इस सप्ताह की शुरुआत में मुद्रास्फीति के आंकड़े थोड़े अधिक रहे.’’
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वायदा बाजार में सोना गिरा
आभूषण विक्रेताओं और सिक्का निमार्ताओं की कमजोर मांग के कारण वायदा कारोबार में सोने की कीमत 100 रुपये घटकर 78,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई. गुरुवार को 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 400 रुपये घटकर 78,300 रुपये प्रति 10 ग्राम रही थी. कारोबारियों ने कहा कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शुल्क योजनाओं के आर्थिक संभावनाओं पर प्रभाव और फेडरल रिजर्व (फेड) की ब्याज दर के परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता के बीच विदेशों में मजबूत रुख के अनुरूप यहां कारोबारी धारणा कमजोर हुई.
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