राज्यों के मंत्रियों (जीओएम) का एक समूह शुक्रवार को जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने पर आम सहमति नहीं बना सका, क्योंकि कुछ सदस्यों ने टैक्स स्लैब और दरों में बदलाव का विरोध किया. सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा हालांकि मंत्रियों का समूह जीएसटी परिषद को अपनी पिछली बैठक में बनी सर्वसम्मति पर एक स्थिति रिपोर्ट पेश करेगा. जीओएम की पिछली बैठक 20 नवंबर 2021 को हुई थी.
सूत्रों ने कहा कि जीओएम अपनी अंतिम रिपोर्ट जमा करने के लिए समय बढ़ाने की मांग करेगा. इस महीने के अंत में होने वाली जीएसटी परिषद की अगली बैठक में भी कर दरों के मुद्दों को उठाया जायेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की बैठक 28 और 29 जून को श्रीनगर में होने वाली है.
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परिषद ने पिछले साल कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में राज्य के मंत्रियों की 7 सदस्यीय समिति का गठन किया था, जो कर दरों को युक्तिसंगत बनाकर राजस्व बढ़ाने के तरीके सुझायेगा. जीएसटी के तहत कर के चार स्लैब हैं. इसमें कुछ जरूरी वस्तुओं पर छूट है या पांच प्रतिशत की दर से सबसे कम कर लगता है.
सर्वाधिक 28 प्रतिशत टैक्स आरामदायक और समाज के नजरिये से अहितकर वस्तुओं पर लगाया जाता है. दो अन्य स्लैब 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत हैं. इसके अलावा 28 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आने वाले सामान पर उपकर भी लगाया जाता है.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 10 जून को समाप्त सप्ताह में 4.599 अरब डॉलर घटकर 596.458 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार, इससे पिछले सप्ताह, विदेशी मुद्रा भंडार 30.6 करोड़ डॉलर घटकर 601.057 अरब डॉलर रह गया था. 10 जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में आयी गिरावट है, जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण घटक है.
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