Inflation Rate: बढ़ती महंगाई से आम आदमी को बड़ी राहत मिली है. खाद्य उत्पादों की कीमतों में नरमी आने से मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर पांच महीनों के निचले स्तर पर पहुंच गई है. मार्च में महंगाई दर 4.85 फीसदी पर आ गई है. शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक मार्च में खुदरा महंगाई दर पांच महीने में सबसे कम रही है. खाने-पीने की चीजें सस्ती होने से खुदरा महंगाई दर में ये गिरावट दर्ज की गई है.
पांच महीने में सबसे निचले स्तर पर महंगाई दर
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI, सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति दो महीने पहले यानी फरवरी में 5.09 फीसदी थी. वहीं मार्च 2023 की बात करें तो यह 5.66 फीसदी थी. मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति पांच महीनों के निचले स्तर पर रही है. इसके पहले अक्टूबर, 2023 में यह 4.87 प्रतिशत रही थी. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में खाद्य उत्पादों की महंगाई दर 8.52 प्रतिशत रही जबकि एक महीने पहले फरवरी में यह 8.66 प्रतिशत थी.
आरबीआई के पास है बड़ी जिम्मेदारी
सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत कम या अधिक) पर सीमित रखने का दायित्व सौंपा हुआ है. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति नीतिगत दरों पर फैसला करते हुए खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े को ही ध्यान में रखती है. केंद्रीय बैंक ने इस साल सामान्य मानसून की उम्मीद जताते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. आरबीआई ने अप्रैल-जून तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 4.9 प्रतिशत और सितंबर तिमाही में 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.\
Also Read: Delhi Excise Policy: बीआरएस नेता के कविता को बड़ा झटका, 15 अप्रैल तक मिली CBI हिरासत
Lok Sabha Election 2024: ईडी, सीबीआई और आईटी सरकार के हथियार, तमिलनाडु में गरजे राहुल गांधी
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.