नयी दिल्ली : कोरोना संकट को लेकर देश की बिगड़ी अर्थव्यवस्था के बीच कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. एक सर्वे के मुताबिक, भारतीय कंपनियां साल 2021 में सैलरी में औसतन 7.7 फीसदी की बढ़ोतरी करेंगी.
ग्लोबल प्रोफेशनल सर्विसेज कंपनी एऑन पीएलसी ने ताजा सर्वे रिपोर्ट में कहा है कि 88 फीसदी कंपनियां साल 2021 में सैलरी बढ़ाने की इच्छा जतायी है. यह वेतनवृद्धि ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) में सबसे ज्यादा है.
सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, जापान, अमेरिका, चीन, सिंगापुर, जर्मनी और यूके जैसी अर्थव्यवस्था के मुकाबले भारतीय कंपनियां अपने कर्मियों की सैलरी में ज्यादा बढ़ोतरी करेंगी. इन देशों के कर्मियों की सैलरी में औसतन 3.1 से 5.5 फीसदी तक ही वेतन बढ़ोतरी की संभावना जतायी गयी है.
सर्वे के मुताबिक, ई-कॉमर्स और वेंचर कैपिटल में 10 फीसदी से ज्यादा, हाई टेक-इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में 9.7 फीसदी, आईटी में 8.8 फीसदी, एंटरटेनमेंट-गेमिंग कंपनियों में 8.1 फीसदी और केमिकल व फार्मा कंपनियों में 8 फीसदी वेतनवृद्धि का अनुमान है.
प्रोफेशनल सर्विसेज क्षेत्र में 7.9 फीसदी और वित्तीय संस्थानों में 6.5 फीसदी तक सैलरी में बढ़ोतरी हो सकती है. वहीं, कुछ सेक्टरों में वेतनवृद्धि कम होने की भी संभावना जतायी गयी है, जिन पर कोरोना संकट का असर ज्यादा हुआ है. इनमें हॉस्पिटेलिटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, रिटेल और इंजीनियरिंग सर्विस शामिल हैं.
सर्वे में 20 से ज्यादा उद्योगों की करीब 12 सौ कॉर्पोरेट हाउस के डेटा का विश्लेषण किया गया है. सर्वे के मुताबिक, 93.5 फीसदी संस्थाओं को साल 2021 में बेहतर व्यवसाय करने की उम्मीद है. वहीं, 6.5 फीसदी संस्थाओं ने इस साल भी खास प्रदर्शन नहीं होने की उम्मीद जतायी है. करीब 60 फीसदी संस्थाओं का मानना है कि उनकी स्थिति बेहतर हो रही है. ऐसे में साल 2021 में कर्मियों की सैलरी में 9.1 फीसदी तक बढ़ोतरी कर सकते हैं.
एऑन पीएलसी के भारत में परफॉर्मेंस और रिवॉर्ड बिजनेस के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिस और पार्टनर नितिन सेठी का कहना है कि नये श्रम कानूनों के तहत वेतन स्लैब में परिवर्तन के मद्देनजर अतिरिक्त क्षतिपूर्ति दी जा सकती है.
वेतन बढ़ोतरी का हिस्सा ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट और प्रोविडेंट फंड आदि पर हो सकता है. ऐसे में संभव है कि कुछ वेतन वृद्धि से कर्मियों के हाथ में आनेवाली नकदी में बढ़ोतरी नहीं हो सकती है. क्योंकि, नये श्रम कानूनों के तहत संस्थाएं ज्यादा प्रोविडेंट फंड का भुगतान करने का फैसला ले सकती हैं. वहीं, आर्थिक सुधार के कारण पॉजिटिव व्यवसाय की उम्मीद है. इससे इस साल रोजगार के नये अवसर पैदा होने की उम्मीद जतायी गयी है. कोरोना संकट के बीच 2021 में सैलरी बढ़ोतरी की उम्मीद तथा Hindi News से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.
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