नयी दिल्ली : मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस की वजह से बाजार में बैठ रहे ‘डर’ से निपटने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक सभी अनिवार्य कदम उठाएंगे. सुब्रमण्यम ने कहा कि भारतीय शेयर बाजारों की गिरावट दुनिया के अन्य बाजारों की तुलना में काफी कम है. अगले कुछ सप्ताह में घरेलू बाजार में स्थिरता देखने को मिलेगी, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था के बुनियादी संकेत मजबूत बने हुए हैं. मुद्रास्फीति घट रही है, औद्योगिक उत्पादन बढ़ा है और देश के पास पर्याप्त मात्रा में विदेशी मुद्रा भंडार है.
सुब्रमण्यम ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकार गंभीरता से हालात पर नजर बनाए हुए है और जब जरूरी होगा, तब सरकार और नियामक दोनों साथ मिलकर कदम उठाएंगे. बाजार का उतार-चढ़ाव अर्थव्यवस्था की बुनियादी ताकत को नहीं दशार्ता. हमारी अर्थव्यवस्था की बुनियाद बेहतर हो रही है.
सुबह के कारोबार में शुक्रवार को शेयर बाजार खुलने के 15 मिनट के भीतर ही निचले सर्किट स्तर तक पहुंच गए. यह 2008 के बाद पहली बार हुआ. सेंसेक्स और निफ्टी में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी, जिसके चलते शेयर बाजारों को 45 मिनट के लिए बंद कर दिया गया. हालांकि, 10:30 बजे के बाद दोबारा खुलने के बाद शेयर बाजार सुधार की राह पर हैं. मुद्रा बाजार में कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 74.50 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर चल रहा है.
सुब्रमण्यम ने कहा कि बाजार की मौजूदा स्थिति की बड़ी वजह वैश्विक कारक हैं. रूस, ब्राजील, फ्रांस, जर्मनी, अर्जेंटीना, ब्रिटेन और जापान के शेयर बाजारों में 31 जनवरी से 12 मार्च के बीच 20 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गयी है. इसलिए अभी हम जो शेयर बाजारों में देख रहे हैं, उसकी प्रमुख वजह कोरोना वायरस को लेकर छायी वैश्विक चिंताएं हैं.
रिजर्व बैंक के अन्य केंद्रीय बैंकों की तरह नीतिगत दरों में कटौती का रुख अपनाने के बारे में सुब्रमण्यम ने कहा, ‘यह ऐसा विषय है, जिस पर विचार किया जा रहा है. अन्य केंद्रीय बैंकों ने निश्चित तौर पर इस दिशा में काम किया है. हमारी मुद्रास्फीति में भी नरमी है. हमें मुख्य मुद्रास्फीति दर के और नीचे आने की उम्मीद है, क्योंकि कच्चे तेल की कीमतें कम हुई हैं. ऐसे में मुझे लगता है कि रिजर्व बैंक इस दृष्टिकोण से भी विचार करेगा.’
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से वीजा प्रतिबंधों के चलते पर्यटन, होटल, रेस्तरां, फिल्म और यात्रा कारोबार क्षेत्रों पर जरूर असर होगा, लेकिन सरकार इन सभी क्षेत्रों पर बहुत करीब से नजर बनाए रखेगी. सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकार सभी आंकड़ों की सावधानी से निगरानी कर रही है. सरकार और रिजर्व बैंक सभी अनिवार्य कदम उठाएंगे.
गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति की घटकर 6.58 फीसदी आ गयी, जबकि जनवरी में यह 7.59 फीसदी थी. इसी तरह, औद्योगिक उत्पादन जनवरी में दो फीसदी की दर से बढ़ा है. एक साल पहले समान महीने में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 1.6 फीसदी रही थी. इसके अलावा, चालू खाते के घाटे में कमी आयी है. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि में यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का एक फीसदी रहा है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार छह मार्च, 2020 को 487.24 अरब डॉलर था.
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