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अब सप्ताह में चार दिन ही करना पड़ेगा काम,एक अप्रैल से नये श्रम कानून को लागू कर सकती है, जानें और क्या मिलेगी सुविधा

New labor law, Provident Fund, wages : नयी दिल्ली : कोरोना के नये स्ट्रेन के खतरे बढ़ने के कारण कार्यालयों की कार्यशैली में भी बदलाव देखने को मिले. कर्मियों को घर से काम करने की छूट दी जा रही है. अब सरकार ऐसे नियम लाने की तैयारी में है, जिससे कोरोना संक्रमण को रोका जा सके और कर्मियों को घर से काम करने का विकल्प भी मिले. वहीं, ग्रेच्युटी, प्रोविडेंट फंड और काम के घंटों में बड़ा बदलाव देखने को भी मिल सकता है. साथ ही टेक होम सैलरी घटने की भी संभावना है. उम्मीद की जा रही है कि सरकार नये नियम एक अप्रैल, 2021 से लागू कर सकती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 9, 2021 12:49 PM

नयी दिल्ली : कोरोना के नये स्ट्रेन के खतरे बढ़ने के कारण कार्यालयों की कार्यशैली में भी बदलाव देखने को मिले. कर्मियों को घर से काम करने की छूट दी जा रही है. अब सरकार ऐसे नियम लाने की तैयारी में है, जिससे कोरोना संक्रमण को रोका जा सके और कर्मियों को घर से काम करने का विकल्प भी मिले. वहीं, ग्रेच्युटी, प्रोविडेंट फंड और काम के घंटों में बड़ा बदलाव देखने को भी मिल सकता है. साथ ही टेक होम सैलरी घटने की भी संभावना है. उम्मीद की जा रही है कि सरकार नये नियम एक अप्रैल, 2021 से लागू कर सकती है.

घटेगी टेक होम सैलरी, प्रोविडेंट फंड में होगी बढ़ोतरी

कर्मियों की ग्रेच्युटी और प्रोविडेंट फंड में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. वहीं, टेक होम सैलरी घटेगी. वेज यानी मजदूरी की नयी परिभाषा के मुताबिक, कुल भत्ते अब कुल सैलरी के अधिकतम 50 फीसदी ही होंगे. इससे मूल वेतन में बढ़ोतरी होने से प्रोविडेंट फंड में बढ़ोतरी होगी.

वहीं, पेंशन फंड में भी ज्यादा पहले से ज्यादा पैसे जमा होने से सेवानिवृति पर ज्यादा पैसे मिलेंगे. पीएफ और ग्रेच्युटी बढ़ने से कंपनियों की लागत बढ़ेगी. क्योंकि, नियोक्ताओं को कर्मियों के प्रोविडेंट फंड में अधिक योगदान देना होगा. इससे कंपनियों की बैलेंस शीट भी प्रभावित होगी. सरकार का दावा है कि नियोक्ता और कामगार दोनों के लिए नये नियम फायदेमंद साबित होंगे.

कई नयी सुविधाएं मिलेंगी, नियोक्ताओं के लिए आसान होगा नौकरी देना या निकालना

नये श्रम कानून से संगठित और असंगठित कामगारों को कई नयी सुविधाएं मिलेंगी. हालांकि, कंपनियों को अब पहले से ज्यादा अधिकार मिलेंगे. कर्मियों को नौकरी देना या निकालना नियोक्ताओं के लिए अब और आसान हो जायेगा.

सभी कामगारों को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य किया गया है. साथ ही वेतन का डिजिटल भुगतान करना होगा. मालूम हो कि सरकार ने पिछले साल सदन में तीन लेबर कोड बिल पास किया था. इनमें इंडस्ट्रियल रिलेशन बिल-2020, सोशल सिक्योरिटी बिल- 2020 और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन बिल-2020 शामिल हैं.

चार दिन करें काम, तीन दिन आराम, 15 से 30 मिनट के अतिरिक्त कामकाज को 30 मिनट का माना जायेगा ओवरटाइम

नये ड्राफ्ट कानून में कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ा कर 12 करने का प्रस्ताव है. हालांकि, काम करने के घंटों की सप्ताह में अधिकतम सीमा 48 ही रखी गयी है, ऐसे में कामकाजी दिन पांच से घट घट कर चार दिन हो सकते हैं. इसके बाद तीन दिनों का अवकाश मिलेगा.

इसके अलावा 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट मान कर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान किया गया है. मालूम हो कि मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम नहीं माना जाता है. वहीं, कर्मी से पांच घंटे से ज्यादा लगातार काम कराना प्रतिबंधित किया गया है. कर्मियों को हर पांच घंटे के बाद आधे घंटे का विश्राम देना अनिवार्य किया गया है.

कदाचार या अनुशासन तोड़ने पर दंड के प्रावधान

न्यू इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड के मुताबिक, केंद्र सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, खनन और सर्विस सेक्टर के लिए मसौदा का मॉडल आदेश जारी किये हैं. उम्मीद है कि श्रम मंत्रालय नये कानून को एक अप्रैल, 2021 से लागू कर सकता है. नये नियम से आईटी सेक्टर के कर्मियों को छूट और सुविधाएं मिल सकती हैं. इसके अलावा कदाचार के दोषी या अनुशासन तोड़नेवालों के लिए दंड के प्रावधान किये गये हैं. इसके लिए प्रतिमाह मिलनेवाली सैलरी से कटौती भी की जा सकती है.

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